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Questions answer Topic 22

अध्याय 2
                      गौरा
 ą¤²ेखिका का नाम:- महादेवी वर्मा
प्रश्न 1 सही विकल्प चुनकर लिखिą¤-
(1)महादेवी वर्मा ने जिस गाय को पाला ऄा, उसका नाम ऄा-
उत्तर:-गौरा
(2) गोरा के बछऔ़े का नाम ऄा-
उत्तर:-लालमणि।
(3) गोरा को ग्वाल ने गुऔ में क्या मिला कर दिया, ताकि वह मर जाą¤?
उत्तर:-सुई।
(4)लेखिका अपने जीव- जंतु के पार्ऄिव अवशेष समर्पित करती रही है-
उत्तर:-गंगा में।
(5)'गौंरा' नाम ऄा-
उत्तर:-गाय का।
प्रश्न 2 स्ऄानों की पूर्ति कीजिą¤-
(1) महादेवी जी ने जो गाय पाली, उसका नाम गौंरा ऄा।
(2) गौंरा वास्तव में प्रियदर्शनी ऄी।
(3) गौंरा की आंखें हिरन जैसी ऄी।
(4) गौरा ą¤ą¤• पुष्ट सुंदर वत्स की माता बनी
(5) गौरा प्रातः सायं बारह सेर के लगभग दूध देती ऄी।
प्रश्न 3 सत्य /असत्य लिखिą¤-
उत्तर:-(1) गाय के पेट में दाने- चारे के साऄ सुई चली ą¤—ą¤ˆ।{×}
(2) लेखिका के पास पहुंचते ही गोरा की आंखों में प्रसन्नता की छाया तैरने लगती।{✓}
(3)गौरा के इलाज के लिą¤ दिल्ली, मुंबई आदि नगरों से विशेषज्ą¤žों को बुलाया गया।{×}
(4)गौरा को ले जाते समय लेखिका की आंखों में करुणा का समुद्र उमऔ़ आया।{✓}
(5)वाह, मेरा गोपालक देश! {×}
प्रश्न 4 सही जोऔ़ी बनाą¤‡ą¤-
उत्तर:- (अ)                                        (ब)
(1)    करुणा                    -                समुद्र
(2)   ą¤—ौरांगिनी                  -                गाय
(3)   ą¤¶्यामा                      -             ą¤›ोटी बहन
(4)    नेत्र।                        -               ą¤¹िरन
(5)  तीव्र गति                    -            मंऄर गति
प्रश्न 5 ą¤ą¤• शब्द /वाक्य में उत्तर लिखिą¤-
(1) 'दूधो नहाओ' का आशीर्वाद किसकी वजह से फलित होने लगा?
उत्तर:-गौरा की वजह से।
(2) गुऔ में लपेą¤Ÿą¤•ą¤° सुई गोरा को किसने खिलाई? 
उत्तर:-ग्वाला ने।
(3) गौरा के वत्स का क्या नाम ऄा?
 ą¤‰ą¤¤्तर:-लालमणि।
(4) गौरा की मृत्यु का समय क्या ऄा?
 ą¤‰ą¤¤्तर:-ब्रह्ममुहूर्त में 4:00 बजे
(5) गौरा की मृत्यु होने पर लालमणि क्या करता रहा? उत्तर:-उछलता- कूदता रहा।
प्रश्न 1प्रस्तुत रेखाचित्र के अनुसार गौरा के शारीरिक सौंदर्य और मृदुल स्वभाव का वर्णन कीजिą¤।
उत्तर:-गौरा के पुष्ट लचीले पैर, भरे पुट्ठे, चिकनी भरी हुई पीठ, लंबी सुऔौल गर्दन, निकलते हुą¤ छोटे-छोटे सींग, दो अधखुली पंखुऔ़ियों जैसे-  कान, लंबी और अंतिम छोर पर काले सघन चामर- स्मरण दिलाने वाली पूंछ, सब कुछ सांचे में ढला हुआ सा ऄा। कुछ ही दिनों में वह इतनी हिलमिल ą¤—ą¤ˆ कि अन्य पशु- पक्षी अपनी लघुता और उसकी विशालता का अंतर भूल ą¤—ą¤। कुत्ते- बिल्ली उसके पेट के नीचे और पैरों के बीच में खेलने लगे। पक्षी उसकी पीठ और माऄे पर बैठकर उसके कान तऄा आंखे खुजालने लगे। इस प्रकार महादेवी जी से साहचर्य जनित लगा हो गया।
प्रश्न 2 ग्वाले ने गाय को सुई क्यों और कैसे खिला दी?
 ą¤‰ą¤¤्तर:-महादेवी जी ने पता लगाया कि प्राय: कुछ ग्वाले ऐसे घरों में, जहां उनसे अधिक दूध लिया जाता है, गाय का आना सह नहीं पाते।अवसर मिलते ही वे गुऔ में लपेą¤Ÿą¤•ą¤° सुई उसे खिलाकर उसकी असमय मृत्यु निश्चित कर देते हैं। गाय के मर जाने पर वे पुनः दूध देने लगते हैं। इसलिą¤ महादेवी जी के ग्वाले ने गुऔ़ में सुई लपेट कर उसे खिला दी।
प्रश्न 3 'दूधो नहाओ' का आशीर्वाद किस प्रकार फलित हुआ?
उत्तर:-गौरा प्रायः सायं बारह सेर के लगभग दूध देती ऄी,अतः बछऔ़े के लिą¤ कहीं सेर छोऔ़ देने पर भी इतना अधिक शेष रहता ऄा कि आस-पास के बाल- गोपाल से लेकर कुत्ते- बिल्ली तक सब पर मानो 'दूधो नहाओ' का आशीर्वाद फलित होने लगा।
प्रश्न 4 दूध दुहने की समस्या का स्ऄाई समाधान किस प्रकार निकाला गया?
उत्तर:-लेखिका दुग्ध दोहन की समस्या का कोई स्ऄायी समाधान चाहती ऄी। गौरा के दूध देने के पूर्व जो ग्वाला लेखिका के यहां दूध देता ऄा, जब उसने इस कार्य के लिą¤ अपनी नियुक्ति के विषय में आग्रह किया, तब उन्होंने इस समस्या का समाधान पा लिया।
प्रश्न 5 'आह मेरा गोपालक देश' महादेवी ने नि:श्वास छोऔ़ते हुą¤ ऐसा क्यों कहा?
उत्तर:-महादेवी जी ने नि:श्वास छोऔ़ते हुą¤ "आह मेरा गोपालक देश!" इसलिą¤ कहा कि भारत जैसे आध्यात्मिक देश में, जहां गाय को माता माना जाता है, उसकी पूजा की जाती है, वही स्वार्ऄ वश लोग उसकी हत्या करने में नहीं चूकते। इस वाक्य में व्यंग्य छिपा है। वह देश जो गाय को पालता है, वहीं कुछ लोग हत्या कर औालते हैं। कैसा है यह गोपालक देश! अफसोस यह है कि इस देश में 'गोवध' बंद कराने हेतु कानून बनाना पऔ़ रहा है। जिस देश में कृष्ण जैसे गौरक्षक देवता का वास हो, वहां गोवध! वाह रे देश!
प्रश्न 6 ' गौरा' रेखाचित्र के किस अंश ने आपको सर्वाधिक प्रभावित किया है? लिखिą¤।
उत्तर:-मुą¤े इस रेखाचित्र का निम्नांकित अंश बहुत ą¤…ą¤š्छा लगा - अंत में, ą¤ą¤• ऐसा निर्मम सत्य उद्घघाटित हुआ, जिसकी कल्पना भी मेरे लिą¤ संभव नहीं ऄी। प्रायः कुछ ग्वाले ऐसे घरों में, जहां उनसे अधिक दूध लिया जाता है, गाय का आना सह नहीं पाते। अवसर मिलते ही वे गुऔ में लपेą¤Ÿą¤•ą¤° उसे सुई खिलाकर उसकी असमय मृत्यु निश्चित कर देते हैं। गाय के मर जाने पर उन घरों में वे पुनः दूध देने लगते हैं। सुई की बात ज्ą¤žात होते ही ग्वाला ą¤ą¤• प्रकार से अंतर्धान हो गया, संदेह का विश्वास में बदल जाना स्वभाविक ऄा। वैसे उसकी उपस्ऄिति में कानूनी कार्यवाही के लिą¤ आवश्यक प्रमाण जुटाना असंभव ऄा।

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