Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

Responsive Advertisement

"Question Answer Topic -12”

Topic - 2
            वात्सल्य और स्नेह
1) सुर के बालकृष्णा:-
                      कवि का नाम- सूरदास
2)भाई बहन:-
               कवि का नाम- गोपाल सिंह नेपाली

     सुरदास
प्रश्न 1 सही विकल्प चुनकर लिखिए-
क) वात्सल्य रस के सम्राट कवि है-
उत्तर:-सूरदास।
ख) बालकृष्ण का प्रिय है-
उत्तर:-माखन।
ग) 'भाई बहन' कविता के रचयिता है-
उत्तर:-गोपालसिंह नेपाली।
घ) नदी की धारा किसे कहा है-
उत्तर:-बहन को।
ड) "काढत  गोहत न्हवावत ओछत, नागिन- सी भूई लोटी।"मैं अलंकार है-
उत्तर:-उपमा।
प्रश्न 2 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
क) मैंया दधी खायो।
ख) सूरसागर के रचयिता सूरदास है।
ग) कृष्ण ने दही का दोना पीठ के पीछे छुपा लिया।
घ) बहन प्रेम का पुतला हूं मैं तू ममता की गोद बनी।
ड)'मोद मन मोहयो' में अनुप्रास अलंकार है
प्रश्न 3 सत्य/ असत्य लिखिए-
1) 'भाई बहन' कविता के कवि श्री गोपालसिंह नेपाली है।
उत्तर:-सत्य।
2) सुर का वात्सल्य रस प्रसिद्ध है।
उत्तर:-सत्य।
3) भाई को बहन का ध्रुव तारा कहा गया है।
उत्तर:-असत्य।
4) 'प्रत्यक्ष- प्रमोद भरी' में उपमा अलंकार है।
उत्तर:-असत्य।
5) बहन को ममता की गोद कहा गया है।
उत्तर:-सत्य।
प्रश्न 4 सही जोड़ी बनाइए-
उत्तर:- (अ)                             (ब)
(1) सुर के बालकृष्ण      -        सूरदास
(2) भाई बहन               -      गोपालसिंह नेपाली
(3) ममता की गोद         -          बहन
(4) कृष्ण।                   -           बलराम
(5) पचि- पचि‌              -       पुनरुक्ति प्रकाश
प्रश्न 5 एक शब्द/ वाक्य में उत्तर लिखिए-
(1) वात्सल्य रस का सम्राट किसे कहा गया है?
उत्तर:-सूरदास को।
(2) कृष्ण अपनी माता से किसकी शिकायत करते हैं? 
उत्तर:-बलदाऊ भैया की।
(3) 'भाई बहन' कविता के कवि कौन है?
उत्तर:-गोपालसिंह नेपाली।
(4) 'मंगल- मोद' में कौन सा अलंकार है?
उत्तर:-अनुप्रास।
(5) सूरदास की एक प्रसिद्ध रचना का नाम लिखिए।
उत्तर:-सूरसागर।
प्रश्न 6 किसने, किससे कहा?
(क) "मोसो कहत मोल को लीनो"
उत्तर:-कृष्ण ने अपनी माता यशोदा से कहा।
(ख)"गोरे नंद जसोदा गोरी, तुम कर स्याम शरीर"
उत्तर:-बलदाऊ भैया ने कृष्ण से कहा।
(ग)"सुनहु कान्ह बलभद्र चबाई हौं,माता तुम पुत"
उत्तर:-माता यशोदा ने कृष्ण से कहा।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1 कृष्ण ने दही का दोना कहां छुपा लिया था?
उत्तर:-कृष्ण ने दही का दोना पीठ के पीछे छिपा लिया था।
प्रश्न 2 दूध पीने से छोटी बढ़ती है, यह सुझाव कृष्ण को किसने दिया था?
उत्तर:-दूध पीने से छोटी बढ़ती है, यह सुझाव माता यशोदा ने कृष्ण को दिया था।
प्रश्न 3 सूरदास किस भाषा के कवि हैं?
 उत्तर:-सूरदास ब्रज भाषा के कवि है।
प्रश्न 4'मोसो कहत मोल को लीनो' यह कथन किसने कहा है?
उत्तर:-यह कथन बलदाऊ भैया ने कृष्ण को चिढ़ाने के लिए कहा है।
प्रश्न 5 "घर का पहरे वाला"से कवि का क्या आशय है? उत्तर:-"घर का पहले वाला" से कवि का आशय 'राष्ट्र की रक्षा करने वाला' से है।
प्रश्न 6 'ममता की गोद' किसे कहा गया है?
 उत्तर:-बहन अपने भाई के हदय में ममत्व भाव भर देती है। इसलिए बहन को 'ममता की गोद' कहा गया है।
लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1अपने को निर्दोष सिद्ध करने के लिए कृष्ण ने यशोदा को क्या-क्या तर्क दिए?
 उत्तर:-अपने को निर्दोष सिद्ध करने के लिए कृष्ण ने माता यशोदा को अनेक तर्क दिए-
  (1) सभी मित्रों ने खेल- खेल में दही उसके मुंह में लगा दिया है। (2) छीका ऊंचाई पर रखा है, उसके हाथ छोटे हैं, अतः दही किस प्रकार निकाला जा सकता है।
प्रश्न 2'गोरे नंद जसोदा गोरी, तुम कत स्याम सरीर' यह पंक्ति किसने, किससे और क्यों कहीं?
 उत्तर:-यह पंक्ति बलदाऊ ने बालक कृष्ण को चिढ़ाने के लिए कहीं। बलदाऊ कहते हैं की नंद बाबा गोरे हैं, माता यशोदा गोरी है, जबकि कृष्ण सांवले हैं। अतः वह उनका पुत्र किस प्रकार हो सकता है?
प्रश्न 3 मुंह से मिट्टी निकालने के लिए यशोदा ने कौन- सा उपाय किया?
उत्तर:-मुंह से मिट्टी निकालने के लिए यशोदा ने एक हाथ से कृष्ण को पकड़ लिया तथा दूसरे हाथ में छड़ी लेकर कृष्ण को डराया कि वह मुंह से मिट्टी निकाल दे, नहीं तो उसे छड़ी से मार पड़ेगी।
प्रश्न 4 'मेरा जीवन क्रीडा-कौतुक तु प्रत्यक्ष प्रमोद भरी' से कवि का क्या आशय है?
उत्तर:-इस पंक्ति से कवि का आशय यह है कि भाई का जीवन क्रीडा और कौतूहल से भरा हुआ है, जबकी बहन प्रत्यक्ष रूप से आनंद से युक्त है।
प्रश्न 5 बहन को भाई का 'ध्रुव तारा' क्यों कहा गया है?
उत्तर:-बहन को भाई का ध्रुव तारा इसलिए कहा गया है, क्योंकि बहन- भाई के लिए ध्रुव लक्ष्य निर्धारित करती है तथा वह अटल होकर उस लक्ष्य को पूरा करवाती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1 कृष्ण माता यशोदा से बलदाऊ की क्या-क्या शिकायतें करते हैं?
उत्तर:-कृष्ण माता यशोदा से बलदाऊ भैया की शिकायत करते हुए कहते हैं कि वह उन्हें बहुत चिढ़ाते हैं। वह कहते हैं कि तुझे खरीद कर लाए हैं, तू माता यशोदा से पैदा नहीं हुआ है। बार-बार मुझसे पूछते हैं कि तेरे माता- पिता कौन है? माता यशोदा गोरी है, नंद बाबा गोरे है, लेकिन तू तो काला है। अतः तू इनका पुत्र नहीं हो सकता।
प्रश्न 2 'सूर वात्सल्य के चितेरे हैं', इस कथन पर अपने विचार व्यक्त कीजिए-
उत्तर:-सूर ने अपने काव्य में बालक कृष्ण का सजीव चित्रण किया है। प्रेम के अनेक रूपों में वात्सल्य प्रेम का वह प्रकार है, जिसमें प्रेम का निश्छल, उदार और शिशु सुलभ स्वभाव प्राप्त होता है। मातृत्व परक स्नेह भाव की केंद्रीयता वात्सल्य में प्रकट होती है।
सूरदास ने शिशु सुलभ मुद्राओं, क्रीड़ाओं और भंगिमाओं को अपने काव्य में प्रस्तुत किया है तथा शिशु के स्वभावगत सौंदर्य को अपनी उदात और आकर्षक छवियों में प्रकट किया है।
             "मैया कबहि बढ़ेगी चोटी।।"
                     "मैया मोहि दाऊ बहुत खिजायो।"
अथवा:-"मैया, मैं नहीं माखन खायो।"आदि उदाहरण वात्सल्य भाव को पुष्ट करते हैं।
प्रश्न 3 बहन को 'चिनगारी' तथा भाई को 'ज्वाला' बताने के पीछे कवि का क्या आशय है?
उत्तर:-चिनगारी से जवाला बनती है। राष्ट् प्रेम की चिंगारी बहन बन जाए, तो भाई अपनी क्रियाशीलता से उस चिंगारी को ज्वाला में बदलने की ताकत रखता है। देश की रक्षा के लिए जोश की एक चिंगारी उत्साह में वृद्धि कर देती है। इसमें बहन-भाई के प्रेम के साथ राष्ट्र प्रेम को भी जोड़ दिया गया है।
प्रश्न 4 कवि ने भाई-बहन के स्नेह को किन-किन प्रतीकों के माध्यम से अभिव्यक्त किया है?
उत्तर:-कवि ने भाई-बहन के स्नेह को अनेक प्रतिको के माध्यम से अभिव्यक्त किया है-
जैसे:-(1) भाई प्रेम का पुतला, बहन ममता की गोद बनी।
(2) भाई एक लहर बन आया, बहन नदी की धारा है।
(3) बहन ही भाई का ध्रुवतारा है।
(4) तू आंगन की ज्योति बहन री, मैं घर का पहरे वाला।
प्रश्न 5 'भाई- बहन' कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?
उत्तर:-'भाई- बहन' कविता के माध्यम से कवि यह संदेश देना चाहता है कि बहन की बुद्धि और भाई की क्रियाशीलता मिलकर ही जीवन को और राष्ट्र को आनंदमय बना सकेगी। दोनों मिलकर आजादी के गीत गाकर ही मातृभूमि के प्रति अपने कर्तव्य को पूर्ण कर सकते हैं। मनुष्य को अपने संबंधों में स्नेहभाव के साथ मातृभूमि के प्रति भी प्रेम भाव रखना चाहिए।
प्रश्न 6 संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए-
(1) मैया मैं नाहीं....................... शिव विरंचि बौंरायो।। 
उत्तर:-संदर्भ:-
                 प्रस्तुत पद्य सूरदास रचित सुर के बालकृष्ण से अवतरित है।
प्रसंग:-
          इस पद्य में कृष्ण की बाल लीला का वर्णन किया है।
व्याख्या:-
           बालक कृष्ण ने दही खा लिया है। लेकिन वह सिद्ध करते हैं कि उन्होंने दही नहीं खाया है। वह अपनी माता से कहते हैं कि हे माता! मैंने दही नहीं खाया है। इसके पीछे वह अपना तर्क प्रस्तुत कर कहते हैं की मित्रों ने खेल-खेल में दही मेरे मुख पर लगा दिया है। हे माता! तुम ही देख लो छीका कितना ऊपर है, मेरे छोटे- छोटे हाथ है। यह छोटे-छोटे हाथ छीकें तक कैसे पहुंच सकते हैं? उसी समय बालक कृष्ण ने मुख पोछकर दही के दोने को पीठ के पीछे छिपा लिया। माता ने कृष्ण को पहले तो डांटा, फिर बाल सुलभ क्रिया देख मुस्कुरा दी तथा बालक कृष्ण को गले लगा लिया। बालक कृष्ण का विनोद माता के मन को मोह लेता है। कृष्ण अपनी भक्ति का प्रताप दिखाते हैं। सूरदास कवि कहते हैं कि माता यशोदा के इस सुख को देख शिव और ब्रह्मा भी मुग्ध हो जाते हैं।
(2)मैंया कबहि बढ़ेगी..................हरि हृदय की जोटी।। उत्तर:- संदर्भ एवं प्रसंग:-
                                  पूर्ववत।
व्याख्या:-
             बालक कृष्ण अपनी माता से पूछते हैं कि हे माता! मेरी चोटी कब बढ़ेगी? तुमने कहा था कि दूध पीने से चोटी बढ़ जाती है। मैंने तो बहुत बार दूध पिया है, लेकिन यह चोटी तो अभी भी छोटी ही है। तुमने कहा था कि यह बलदाऊ भैया के समान लंबी और मोटी हो जाएगी। काढ़ते, नहाते, ओछते समय यह जमीन पर नागिन के समान लेट जाती है। लेकिन मेरी चोटी तो अभी भी छोटी ही है। चोटी बढ़ाने के प्रयास में मैं कच्चा दूध पी- पीकर परेशान हो गया। तुम मुझे माखन- रोटी तो देती ही नहीं। सूरदास कवि कहते हैं कि कृष्ण और हलधर की जोड़ी दीर्घायु हो।

(3) भाई एक लहर....................... भाई का ध्रुव तारा है।
उत्तर:-संदर्भ:-
                  प्रस्तुत पंक्तियां हमारी पाठ्यपुस्तक की कविता 'भाई- बहन' से ली गई है। इसके कवि श्री गोपालसिंह नेपाली है।
प्रसंग:-
         इन पंक्तियों में कवि ने भाई-बहन के बीच के प्रेम को राष्ट्रीय प्रेम के परिवेश में अभिव्यक्त किया है।
व्याख्या:-
           कवि कहता है कि बहन नदी की धारा है, तो भाई उस नदी की लहर है, जो सदैव आगे बढ़ती है। राष्ट्र प्रेम के भाव की गंगा उमड पड़ी है। इस समय अलगाववादी सभी किनारे डूब गए हैं। अब राष्ट्र प्रेम की एक लहर गतिमान है। उन्माद की स्थिति में भाई-बहन का सहारा बनता है।
काव्य सौंदर्य-
प्रश्न 1 निम्नलिखित शब्दों के मानक रूप लिखिए-
        किती, दोऊ, जायो, सिखै, सौं, हौं, लरिका, काचो।
उत्तर:-किती     -    कितना
         दोऊ      -     दोनों
        जायो      -    पैदा हुआ 
        सिखै      -     शिक्षा
         सौं        -     सोहे (शपथ), सौगंध
         हौं        -      मैं
      लरिका     -     लड़का
       काचो।     -   कच्चा।
प्रश्न 2 निम्नलिखित पंक्तियों में अलंकार पहचान कर लिखिए-
(1)काढत गुह्य न्हवावत ओछत, नागिन सी हुई लोटी।
उत्तर:-उपमा अलंकार।
(2) मेरा जीवन क्रीडा-कौतुक तू प्रत्यक्ष प्रमोद भरी।
उत्तर:-अनुप्रास अलंकार।
(3)कांचों दूध पिआवत पचि-पचि, देत न माखन रोटी।
उत्तर:-पुनरुक्ति प्रकाश।
प्रश्न 3 निम्नलिखित शब्दों में से तत्सम और तद्भव शब्द छाटकर लिखिए-
ज्योति, उन्माद, बहन, कलंक, जननी, माटी, मैया, पुत, तात, पत्थर।
उत्तर:- तत्सम         -           तद्भभव
          ज्योति         -            बहन
         कलंक         -             माटी
         जननी         -             मैया
          तात           -              पुत
        उन्माद         -             पत्थर।
प्रश्न 4 गोद राखि चचुकारि दुलारति पुनः पालति हलरावति।
       आंचर ढांकि बदन विधु सुन्दर थन पय पान करावति।।
उपयुक्त पंक्तियों में प्रयुक्त रस बताइए।
उत्तर:-वात्सल्य रस।
प्रश्न 5 इस पाठ में पुनरुक्ति प्रकाश और अनुप्रास अलंकार के उदाहरण छांट कर लिखिए-
उत्तर:-पुनरुक्ति प्रकाश:-
                              (1)काचो दूध पिआवत पचि-पचि।
                              (2) पुनि- पुनि कहत कौन है माता।
                              (3) जसुमति सुनि- सुनि रीझै।
अनुप्रास अलंकार:-
                       (1)काढ़त,गृहत,न्हवावत ओछत।
                       (2) मोसो कहता मोल को लिन्हा।
                       (3)बाल विनोद मोद मन मोहो।

Post a Comment

0 Comments