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Question Answer Topic - 27

अध्याय 7 
  भारतीय गायिकाओं में बेजोऔ़ लता मंगेशकर 
लेखक का नाम:- कुमार गन्धर्व
प्रश्न 1 सही विकल्प चुनकर लिखिą¤-

(क) लता से पहले चित्रपट पर किसका राज ऄा-
उत्तर:-नूरजहां।

(ख) दीनानाऄ मंगेशकर की पुत्री निम्न में कौन नहीं ऄी-
उत्तर:-विनोदिनी।

(ग) 'ताल त्रिताल' कितनी मात्राओं का ताल है-
उत्तर:-16।

(घ) गाने का ऐसा अंदाज जो ą¤ą¤• आम आदमी को भाव विभोर कर देता है, वह है-
उत्तर:-गानपन।

(औ़) शास्त्रीय गायकी में नहीं आता-
उतर:-भैरवी।

प्रश्न 2 रिक्त स्ऄानों की पुर्ति किजिą¤-
(क)लता के स्वरों में कोमलता और मुग्धता है।
(ख)नादमय ą¤‰ą¤š्चार लता के गाने की विशेषता है।
(ग) लता ने करुण रस के साऄ उतना न्याय नहीं किया।
(घ)चित्रपट संगीत में आधे तालों का उपयोग किया जाता है।
(औ़) लता चित्रपट संगीत क्षेत्र की अनभिषिक्त साम्राज्ą¤žी है।

प्रश्न 3 सही जोऔ़ी बनाą¤‡ą¤-
उत्तर:-(अ)।                                 (ब)
(क)   ą¤•ुमार गंधर्व    ---           ą¤¶ास्त्रीय संगीत
(ख) स्वरों के क्रमबद्ध समूह --- स्वर मालिकाą¤ं
(ग) स्वर साम्राज्ą¤žी      ---          लता मंगेशकर 
(घ) राग माल कोरु    ---          भैरवी ऄाट
(औ़) दीनानाऄ मंगेशकर ---     ą¤øुप्रसिद्ध गायक

प्रश्न 4 सत्य/असत्य लिखिą¤-
(क) लता मंगेशकर दीनानाऄ मंगेशकर की पुत्री है।{}
(ख) भारतीय गायिकाओं में लता के जोऔ़ की अनेक गायिकाą¤ं हुई हैं।{×}
(ग) लता ने नई पीढ़ी के संगीत को संस्कारित किया है{}।
(घ) लता ने करुण रस के साऄ उतना न्याय नहीं किया है।{✓}
(औ़) लता का गाना निम्न पट्टी में रहता है।{×}

प्रश्न 5 ą¤ą¤• शब्द/वाक्य में उत्तर लिखिą¤-

(क) चित्रपट संगीत का मुख्य गुण धर्म क्या है?
उत्तर:-जलदलय और चपलता।

(ख) लता मंगेशकर के पिताजी का नाम बताą¤‡ą¤।
उत्तर:-दीनानाऄ मंगेशकर।

(ग)संगीत को लोकप्रियता और उसके प्रसार विकास का श्रेय किसे है?
उत्तर:-लता मंगेशकर को।

(घ)लता की लोकप्रियता का मुख्य मर्म क्या है?
उत्तर:-गानपन।

प्रश्न 1 लता के गायन की विशेषता लिखिą¤।
उत्तर:-लता के गाने की विशेषता है, उसके स्वरों की निर्मलता। लता के स्वरों में कोमलता और मुग्धता है।

प्रश्न 2 "लता ने करुण रस के साऄ उतना न्याय नहीं किया है, बजाय इसके, मुग्ध श्रंगार की अभिव्यक्ति करने वाले गाने लता ने बऔ़ी उत्ą¤•ą¤Ÿą¤¤ा से गाą¤ हैं"- इस कऄन से आप कहां तक सहमत है?
उत्तर:-लता के गाने में करुण रस विशेष प्रभावशाली रीति से व्यक्त होता है। लेखक के अनुसार लता ने करुण रस के साऄ उतना न्याय नहीं किया है, ą¤œą¤¬ą¤•ि मुग्ध श्रंगार की अभिव्यक्ति करने वाले गाने लता ने बऔ़ी तन्मयता से गाą¤ हैं। लता का गाना सामान्यतः ऊंची पट्टी में रहता है। इसलिą¤ करुण रस दब जाता है।

प्रश्न 3 शास्त्रीय संगीत और चित्रपट संगीत में अंतर बताą¤‡ą¤!
उत्तर:- (1)'गंभीरता' शास्त्रीय संगीत का स्ऄाई भाव है, वही जलदलय और चपलता चित्रपट संगीत का मुख्य गुण धर्म है।
(2)शास्त्रीय संगीत में ताल अपने परिष्कृत रूप में पाया जाता है। चित्रपट संगीत में आधे तालों का उपयोग किया जाता है। 
(3) शास्त्रीय संगीत में ą¤†ą¤˜ात को ज्यादा महत्व दिया जाता है, सुलभता और लोच को अग्र स्ऄान दिया जाता है, तऄापि चित्रपट संगीत को गाने वाले को शास्त्रीय संगीत की उत्तम जानकारी होना आवश्यक है।

प्रश्न 4 "चित्रपट संगीत ने लोगों के कान बिगाऔ़ दिą¤ हैं"- आप इस कऄन से कहां तक सहमत है?
उत्तर:-चित्रपट संगीत ने लोगों के कान बिगाऔ़ दिą¤ हैं। चित्रपट संगीत के कारण सुंदर स्वर मालिकाą¤ं लोगों के कानों में पऔ़ रही है। संगीत के विविध प्रकारों से उनका परिचय हो रहा है, उनका स्वर ज्ą¤žान बढ़ रहा है। तरह-तरह की लय के भी प्रकार उन्हें सुनाई देने पऔ़ने लगे हैं। और आकर युक्त लय के साऄ उनकी जान- पहचान होती जा रही है।

प्रश्न 5 संगीत के क्षेत्र को विस्तीर्ण क्यों कहा गया है?
उत्तर:- संगीत के क्षेत्र को विस्तीर्ण कहा गया है। वहां अब तक अलक्षित, असंशोधित और अदृष्टिपुर्व ऐसा खूब बऔ़ा प्रांत है,तऄापि बऔ़े जोश से इसकी खोज और उपयोग चित्रपट के लोग करते चले आ रहे हैं। चित्रपट संगीत दिनों-दिन अधिकाधिक विकसित होता जा रहा है।
        चित्रपट संगीत द्वारा लोगों की अभिजात्य संगीत से जान- पहचान होने लगती है।

प्रश्न 6 स्वर साम्राज्ą¤žी 'लता मंगेशकर' पर ą¤ą¤• लघु निबंध लिखिą¤।
उत्तर:-भारतीय गायिकाओं में लता के जोऔ़ की गायिका हुई ही नहीं।लता के कारण चित्रपट संगीत को और मनोरंजन की दुनिया को विलक्षण लोकप्रियता प्राप्त हुą¤ है, यही नहीं लोगों का शास्त्रीय संगीत की ओर देखने का दृष्टिकोण भी ą¤ą¤•ą¤¦ą¤® बदला है। चित्रपट संगीत के कारण सुंदर स्वर मालिकाą¤ं लोगों के कानों में पढ़ रही है। संगीत के विविध प्रकारों से उनका परिचय हो रहा है। उनका स्वर- ज्ą¤žान बढ़ रहा है। तरह-तरह की लय के भी प्रकार उन्हें सुनाई पऔ़ने लगे हैं। और आकरयुक्त लय के साऄ उनकी जान-पहचान होती जा रही है। साधारण, प्रकार के लोगों को भी उसकी सूक्ष्मता ą¤øą¤®ą¤ में आने लगी है।

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