Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

Responsive Advertisement

स्तरीय उपकला ऊतक क्या है।what is stratified epithelial tissue, स्तरीय उपकला ऊतक (Stratified Epithelium Tissue‌ Structure, Definition, Function, Types & Introduction in Hindi)

2.स्तरीय उपकला ऊतक (Stratified Epithelium Tissue)

(Structure, Definition, Function, Types & Introduction in Hindi)

परिभाषा (Definition): "स्तरीय उपकला ऊतक वह उपकला ऊतक होता है जिसमें कोशिकाएं कई परतों में व्यवस्थित होती हैं और जिसका मुख्य कार्य शरीर के अंगों की सुरक्षा करना होता है।"

परिचय (Introduction): यह ऊतक कई परतों से मिलकर बना होता है इसमें कोशिकाओं की अलग-अलग आकृति होती है इसमें आधार कला (Basement Membrane) अनुपस्थित होती है यह अपने नीचे स्थित संरचनाओं की सुरक्षा करती है जो दो प्रकार की होती है 

A.स्तरीय शल्कीय उपकला ऊतक (Stratified Squamous Epithelium Tissue)

B.परिवर्ती उपकला ऊतक(Transitional Epithelial Tissue)

A.स्तरीय शल्कीय उपकला ऊतक (Stratified Squamous Epithelium Tissue)‌: यह अलग-अलग कोशिकाओं की तीन चार परतों से मिलकर बना होता है इसमें नीचे की कोशिका स्तम्भाकर व ऊपर की कोशिका चपटी होती है यह दो प्रकार की होती है 

(क) कैराटिनयुक्त (Keratinized) या श्रंगी स्तरीय शल्कीय उपकला ऊतक(Stratified Squamous Epithelial Tissue) 

(ख) अकैराटिनयुक्त (Non-Keratinized) या अश्रंगी स्तरीय शल्कीय उपकला ऊतक(Stratified  Squamous Epithelium Tissue)

(क) कैराटिनयुक्त (Keratinized) या श्रंगी स्तरीय शल्कीय उपकला ऊतक(Stratified Squamous Epithelial Tissue)

🔹ऊपरी कोशिकाओं में कैराटिन प्रोटीन होता है।

🔹यह मुख्यतः सूखी सतहों पर पाया जाता है जैसे त्वचा (Skin),बाल(Hair)और नाखून(Nails)।

🔹कार्य: जलरोधकता और बाहरी सुरक्षा।

(ख)अकैराटिनयुक्त (Non-Keratinized) या अश्रंगी स्तरीय शल्कीय उपकला ऊतक(Stratified  Squamous Epithelium Tissue) 

🔹कोशिकाओं में कैराटिन नहीं होता।

🔹गीली सतहों पर पाया जाता है जैसे मुंह की गुहा, अन्ननलिका, योनि आदि।

🔹कार्य: नम सतहों की सुरक्षा।

B.परिवर्ती उपकला ऊतक(Transitional Epithelial Tissue): यह नाशपती के आकार की कोशिका की कई परतों से मिलकर बनी होती है इनमें परिवर्तन की प्रकृति होती है इसलिए इनको परवर्ती उपकला ऊतक कहते हैं

-इस ऊतक की कोशिकाएं अपने आकार को बदल सकती हैं।

- स्थान: मूत्राशय (Urinary bladder), मूत्रवाहिनी (Ureter)।

- कार्य: अंगों को फैलने और सिकुड़ने में मदद करना, लचीलेपन के साथ सुरक्षा।

संरचना (Structure):

- इसमें 2 या अधिक परतों में कोशिकाएं होती हैं।

- सबसे नीचे की परतें गोल या घनाकार होती हैं और ऊपरी परतें चपटी या विशिष्ट आकार की हो सकती हैं।

- यह ऊतक एक बेसमेंट मेम्ब्रेन पर आधारित होता है।

- केवल नीचे की परतें विभाजनशील (mitotically active) होती हैं।

- ऊपरी कोशिकाएं धीरे-धीरे मर जाती हैं या झड़ जाती हैं।

कार्य (Functions):

1.संरक्षण (Protection): यह ऊतक आंतरिक अंगों को यांत्रिक चोट, रसायनों, जीवाणुओं से बचाता है।

2.घर्षण रोधी कार्य: जहाँ बार-बार घर्षण होता है जैसे त्वचा, वहाँ ऊतक क्षरण से बचाता है।

3.अवरोध निर्माण (Barrier Formation): यह बाहरी पदार्थों के प्रवेश को रोकता है।

4.मरम्मत और पुनर्निर्माण: मृत कोशिकाएं झड़कर नई कोशिकाओं से पुनः बनती हैं।

स्थिति (Location):

- त्वचा की बाहरी परत (एपिडर्मिस)

- मुंह की गुहा (Oral cavity)

- ग्रासनली (Esophagus)

- मलाशय (Rectum)

- योनि (Vagina)

- मूत्रमार्ग (Urethra)

Post a Comment

0 Comments