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संयोजी ऊतक क्या है what is connective tissue, संयोजी ऊतक के प्रकार types of connective tissue,Structure, Definition, Function, & Introduction of Connective Tissue in Hindi

 संयोजी ऊतक (Connective Tissue)

Structure, Definition, Function, Types & Introduction of Connective Tissue in Hindi

परिचय (Introduction): संयोजी ऊतक शरीर की विभिन्न संरचना में फैले हुए होते हैं जो शरीर को पोषण में सुरक्षा प्रदान करते हैं इनमें कोशिका एक दूसरे के पास न होकर अलग-अलग रहती है संयोजी ऊतक में इंटरसैल्युलोज सौभस्टाम्भ अधिक पाए जाते हैं।

परिभाषा (Definition): "संयोजी ऊतक वह ऊतक है जो शरीर के विभिन्न अंगों और ऊतकों को जोड़ने, समर्थन देने, और संरक्षित करने का कार्य करता है तथा जिसके मध्य बहुत अधिक मात्रा में अंतःकोशिकीय पदार्थ (Matrix) पाया जाता है।"
संरचना (Structure):
संयोजी ऊतक की संरचना तीन मुख्य भागों से मिलकर बनी होती है:
(अ) कोशिकाएं (Cells):
 - फ़ाइब्रोब्लास्ट (Fibroblasts): रेशों का निर्माण करते हैं
- मैक्रोफेज (Macrophages): रोगाणुओं को नष्ट करते हैं
- मास्ट कोशिकाएं (Mast cells): हीस्टामीन व हिपारिन स्राव करती हैं।
- एडीपोसाइट्स (Adipocytes): वसा संग्रह करते हैं।
(ब) रेशे (Fibers):
- कोलाजेन रेशे (Collagen): मज़बूती देते हैं।
- इलास्टिक रेशे (Elastic): लचीलापन प्रदान करते हैं।
-रेटिक्यूलर रेशे (Reticular): अंगों को ढांचा प्रदान करते हैं।
(स) मैट्रिक्स (Matrix):
- एक जेल जैसे द्रव्य जिसमें कोशिकाएं और रेशे तैरते हैं।
- यह पोषण, गैस विनिमय और अपशिष्ट पदार्थों के निष्कासन में सहायक होता है।
कार्य (Functions):
1. शरीर के अंगों को जोड़ना और सहारा देना।
2. अंगों को स्थान पर स्थिर बनाए रखना।
3. पोषण और अपशिष्ट का परिवहन करना।
4. शरीर को संक्रमण से सुरक्षा देना।
5. वसा संग्रह और ऊर्जा का भंडारण करना।
6. रक्त निर्माण और परिसंचरण में सहायता करना (विशेषतः अस्थिमज्जा)।
प्रकार (Types): 
संयोजी ऊतक(Connective Tissue)आठ प्रकार के होते हैं।

1) अवकाशी ऊतक( Extracellular Tissue)

2) वसा ऊतक(Adipose Tissue) 

3) तन्तुमय ऊतक( fibrous tissue)

4) लचीला ऊतक(Flexible Tissue)

5) उपास्थि ऊतक(Cartilage Tissue)

6) लसीका का ऊतक(Lymphatic Tissue)

7) श्लेष्माभ ऊतक(Mucoid Tissue)

8)अस्थि ऊतक (Bone Tissue) 

1) अवकाशी ऊतक( Extracellular Tissue):

 ये ऊतक अन्य ऊतकों की तुलना में अधिक पाई जाती है इसके अर्द्ध ठोस में कुछ वसा कोशिकाएं मास्ट कोशिकाएं एवं मैक्रोफेजेस होते हैं यह ऊतक ढीला डाला होता है यह ऊतक शरीर के लगभग सभी हिस्से में पाया जाता है जो कि शरीर को लचीलापन प्रदान करता है यह ऊतक अन्य ऊतक जोड़ने में सहायता प्रदान करता है जैसे त्वचा के नीचे, पेशियां के मध्य, रक्त वाहिनी और तंत्रिका को तथा आहार नलिका

2) वसा ऊतक(Adipose Tissue):

 इस ऊतक में वसीय कोशिका पाई जाती है वसा ऊतक के मैट्रिक्स में वसा की छोटी-छोटी ग्लोब्युस होती है यह नेत्रपान को व शिष्म के अलावा शरीर के अधिकांश भागों में बहुत आयाम में पाया जाता है यह अंगो के चोट से रक्षा करता है तथा वसा के रूप में शरीर में शक्ति को संचित करता है शरीर के तापमान को भी नियंत्रित रखता है तथा अंगों को अपने स्थान पर बनाये रखने में सहायता प्रदान करता है यह दो प्रकार के होते है। 

- श्वेत वसा ऊतक (White Adipose Tissue)

- कथई वसा ऊतक ( Brown Adipose Tissue)

- श्वेत वसा ऊतक (White Adipose Tissue): यह ऊर्जा का संतुलन बनाए रखता है जैसे: किडनी(kidney), आंख(Eye), त्वचा(skin) इनके मध्य पाया जाता है।

- कथई वसा ऊतक ( Brown Adipose Tissue): यह ऊतक नवजात शिशु में पाया जाता है श्वेत वसा ऊतकों की तुलना में यह जटिल होता है।

3) तन्तुमय ऊतक( fibrous tissue):

 यह मुख्य रूप से कॉलेजन के तन्तुओ से मिलकर बना होता है इसलिए इसे श्वेत ऊतक भी कहते हैं इन ऊतकों के बंठल नियमित रूप से स्थित होते हैं

तन्तुमय में ऊतक अस्थियों के बाहरी रक्षात्मक आवरण से जिसे पेरीऑस्ट्रियम कहते हैं वहां पाया जाता है लिगामेंट्स में अस्थियों को आपस में बांधे रखता है।

4) लचीला ऊतक(Flexible Tissue):

इस ऊतक में लचीला तंतु पाए जाते हैं जिसमें कुछ कोशिकाएं होती है यह ऊतक लचीले होने के कारण फैलने और सिकुड़ने में सूक्ष्म में होते हैं यह ऊतक उन अंगों में पाया जाता है जहां नियमित रूप से परिवर्तन की आवश्यकता होती है जैसे: श्वासनली (Trachea), रक्त वाहिनियां(Blood Vessels),बाहय कण(External Particle) आदि।

5) उपास्थि ऊतक(Cartilage Tissue): 

यह ऊतक सभी ऊतकों से मजबूत एवं अस्थियों से कमजोर होता है यह ऊतक मजबूती के साथ कॉलेजन और इलास्टिक फाइबर से जुड़ी होती है जो मुख्य रूप से जोड़ और हड्डियों के मध्य पाया जाता है उपास्थि ऊतक तीन प्रकार के होते हैं ।

१) कंचाभ उपास्थि ऊतक(Conchoidal Cartilage Tissue)

२) तंतु उपास्थि ऊतक(Fibrocartilage Tissue)

३) प्रत्यास्थ उपास्थि ऊतक(Elastic Cartilage Tissue)

१) कंचाभ उपास्थि ऊतक(Conchoidal Cartilage Tissue): कंचाभ उपास्थि ऊतक नीली सफेद कांच के समान दिखने वाली अर्द्धपारदर्शी उपास्थि है जो की हड्डियों (Bone)के जोड़ (joint) बनाती है Castle Cartilage व Sternum को जोड़े रखती है।

२) तंतु उपास्थि ऊतक(Fibrocartilage Tissue): यह तन्तुमय ऊतकों से बनी होती है इनमें कॉलेजन अधिक घने होते हैं जिससे यह अधिक मजबूत रहते हैं यह ऊतक कशेरुकाएं (Vertebrae) के मध्य पाया जाता है।

३) प्रत्यास्थ उपास्थि ऊतक(Elastic Cartilage Tissue): इसमें इलास्टिक तंतु होते हैं और यह लचीले होते हैं इसी कारण यह मोड़ने वह पुनः अपनी स्थिति में आ जाते हैं।

6) लसीका का ऊतक(Lymphatic Tissue):

इसमें अर्द्धठोस मैट्रिक्स पाया जाता है जो विशेष प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है जिसे लिंफोसाइट्स कहते हैं लसीका ऊतक रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करने वाले पदार्थ का निर्माण करते हैं जो शरीर को रोगों से बचाता है। यह मुख्यतः प्लीहा (Spleen), बड़ी आंत (Large intestine) की दीवार व परिशिष्ट(Appendix) और लिम्फोसनोट(Lymphosnot) में पाए जाते हैं।

7) श्लेष्माभ ऊतक(Mucoid Tissue):

यह ऊतक श्लेष्मा द्वारा बनता है शिशु के जन्म के दौरान नाभि में उपस्थित श्लेष्माभ ऊतक ही होता है। 

रक्त (blood): यह शरीर में वजन से लगभग 7% होता है यह तरल संयोजी ऊतक होता है जो की लगातार रक्त वाहिनियों में बहने वाला तरल गडा चिपचिपा व लाल रंग का जीवित ऊतक होता है।

इसमें 55% प्लाज्मा व 45% रक्त कणिकाओं से मिलकर बना होता है। प्लाज्मा में 90% पानी तथा प्लाज्मा प्रोटीन और अकार्बनिक सोल्डस हार्मोन्स एंजाइम और गैस होती है

रक्त कणिकाओं में लाल रक्त कणिकाएं (RBC) व Erythrocytes एवं श्वेत रक्त कणिकाएं(WBC) जिसमें ल्यूकोसाइट्स‌ तथा प्लेटलेट्स‌ थ्रांबोसाइट्स होता है।

8)अस्थि ऊतक (Bone Tissue):

यह एक प्रकार का संयोजी ऊतक होता है जो कि शरीर को सुरक्षा व सहारा प्रदान करता है तथा रक्त (blood)बनाने वाले ऊतक का संग्रहण करता है।

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