श्लेष्माभ ऊतक (Mucoid Tissue)
(Structure, Function, Types of Mucoid Tissue– in Hindi)
परिचय (Introduction):
श्लेष्माभ ऊतक एक प्रकार का भ्रूणीय संयोजी ऊतक (embryonic connective tissue) होता है, जो प्रारंभिक भ्रूण विकास के दौरान अस्थायी रूप से पाया जाता है। यह ऊतक विशेष रूप से जेली जैसी संरचना से बना होता है और भ्रूण की नाल (umbilical cord) में मौजूद होता है। इसे Wharton's Jelly भी कहा जाता है।
परिभाषा (Definition):
"श्लेष्माभ ऊतक एक भ्रूणीय संयोजी ऊतक है जिसमें जेलनुमा मैट्रिक्स और प्रोटीन फाइबर होते हैं, जो भ्रूण को सहारा और सुरक्षा प्रदान करते हैं। यह मुख्य रूप से नाल (Umbilical cord) में पाया जाता है।"
संरचना (Structure):
- मैट्रिक्स: अत्यधिक जेलनुमा और चिपचिपा,इसमें हायल्यूरोनिक एसिड और सल्फेटेड ग्लाइकोसामिनोग्लाइकेन्स होते हैं।
- फाइबर: कोलेजन और रेटिकुलर फाइबर थोड़ी मात्रा में पाए जाते हैं।
- कोशिकाएं: फाइब्रोब्लास्ट जैसे मेसेनकाइमल कोशिकाएं, जो फाइबर और मैट्रिक्स का निर्माण करती हैं।
-रक्त वाहिकाएं: नाल में उपस्थित रक्त वाहिकाओं को सुरक्षित घेरती हैं।
कार्य (Functions):
1.भ्रूण की नाल में रक्त वाहिकाओं को सहारा देना और उनकी सुरक्षा करना।
2.भ्रूण और माँ के बीच पोषण, गैस और अपशिष्ट पदार्थों का आदान-प्रदान सुरक्षित बनाना।
3.संरचनात्मक लचीलापन और झटकों से सुरक्षा प्रदान करना।
4.भ्रूणीय विकास के दौरान अस्थायी संयोजी ऊतक के रूप में कार्य करना।
प्रकार (Types of Mucoid Tissue):
श्लेष्माभ ऊतक का कोई स्पष्ट उपप्रकार नहीं होता, लेकिन इसे इसके स्थान और अवस्था के अनुसार समझा जा सकता है:
1.भ्रूणीय श्लेष्माभ ऊतक (Embryonic Mucoid Tissue):
- नाल (umbilical cord) में पाया जाता है।
- Wharton's Jelly के रूप में जाना जाता है।
2.अवशिष्ट श्लेष्माभ ऊतक (Residual Mucoid Tissue):
- जन्म के बाद बहुत कम मात्रा में शरीर के कुछ हिस्सों में रह सकता है।
- ज्यादातर लुप्त हो जाता है।
स्थान (Location):
- नाल (Umbilical Cord): भ्रूण और माता के बीच पोषण संबंध बनाए रखना
- भ्रूण के प्रारंभिक अंग: अस्थायी संयोजी ऊतक के रूप में कार्य करना
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