लसीका ऊतक (Lymphatic Tissue)
(Structure, Function and Types of Lymphatic Tissue in Hindi)
परिचय (Introduction): लसीका ऊतक हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) का अत्यंत महत्वपूर्ण भाग है। यह शरीर को रोगजनकों (जैसे बैक्टीरिया, वायरस आदि) से बचाने में मदद करता है। लसीका ऊतक विशेष प्रकार के श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBCs), जैसे लिंफोसाइट्स, से बना होता है और यह शरीर में लसीका ग्रंथियों, प्लीहा, टॉन्सिल और अस्थिमज्जा में पाया जाता है।
परिभाषा (Definition):
"लसीका ऊतक एक प्रकार का संयोजी ऊतक है, जिसमें प्रमुख रूप से लिंफोसाइट्स और रेटिकुलर फाइबर होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने का कार्य करते हैं।"
संरचना (Structure):
- लिंफोसाइट्स (Lymphocytes): प्रमुख प्रतिरक्षा कोशिकाएं जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं।
- रेटिकुलर फाइबर (Reticular Fibers): जाल-जैसी संरचना जो लिंफोसाइट्स को सहारा देती है।
- मैट्रिक्स (Matrix): तरल या जेलनुमा पदार्थ जिसमें कोशिकाएं और फाइबर निहित होते हैं।
- अन्य कोशिकाएं : मैक्रोफेज, डेंड्राइटिक कोशिकाएं आदि।
कार्य (Functions):
1.शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना।
2.रोगजनक सूक्ष्मजीवों को पहचानना और नष्ट करना।
3.संक्रमण और सूजन को नियंत्रित करना।
4.लसीका तरल (Lymph) का निर्माण और संचार करना।
5.श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBCs) का निर्माण करना।
प्रकार (Types of Lymphatic Tissue):
लसीका ऊतक को दो मुख्य प्रकारों में विभाजित किया जाता है:
1. Primary Lymphatic Tissue (प्राथमिक लसीका ऊतक):
- इसमें लिंफोसाइट्स का निर्माण और परिपक्वता होती है।
- मुख्य अंग: अस्थिमज्जा (Bone Marrow), थाइमस ग्रंथि (Thymus)।
2. Secondary Lymphatic Tissue (द्वितीयक लसीका ऊतक):
- यहाँ परिपक्व लिंफोसाइट्स रोगजनकों से लड़ते हैं।
- मुख्य अंग: लसीका ग्रंथियाँ (Lymph Nodes),प्लीहा (Spleen), टॉन्सिल्स (Tonsils),Peyer's patches (आंत की दीवार में)।
स्थान (Location):
- लसीका ग्रंथियाँ: संक्रमण रोकना और लिंफोसाइट्स को सक्रिय करना।
- प्लीहा (Spleen): खून की सफाई, मृत RBCs हटाना।
- थाइमस: T-लिंफोसाइट्स की परिपक्वता।
- अस्थिमज्जा : B-लिंफोसाइट्स का निर्माण।
- टॉन्सिल्स: गले के संक्रमण से रक्षा करना।
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