Class 12th
Subject - hindi
Topic - 3 (नए मेहमान)
लेखक का नाम - उदयशंकर भट्ट
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1 सही विकल्प चुनकर लिखिए-
1) 'नए मेहमान' पाठ की विधा है-
उत्तर:- एकांकी।
2) विश्वनाथ की पत्नी का नाम है-
उत्तर:-रेवती।
3) जिसके हृदय में दया नहीं होती है, वह है-
उत्तर:- निर्दयी।
4) 'नए मेहमान' के एकांकीकार है-
उत्तर:- उदयशंकर भट्ट।
5) 'नए मेहमान' एकांकी के अंत में आने वाला आगंतुक था-
उत्तर:-रेवती का भाई।
प्रश्न 2 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1) नए मेहमान बिजनौर शहर से आए थे।
2) 'नए मेहमान' में महानगरों में रहने वाले मध्यमवर्गीय परिवार की दशा का वर्णन है।
3) मेहमानों के प्रति रेवती का स्वभाव बदल जाता है।
4) रेवती का भाई जब आया, तब रेवती का सिर दर्द गायब हो गया।
5) विश्वानाथ के पड़ोसी निर्दयी है।
प्रश्न 3 सत्य /असत्य लिखिए-
1) नए मेहमान एक कहानी है।
उत्तर:- असत्य।
2) विश्वानाथ की पत्नी रेवती है।
उत्तर:- सत्य।
3) रेवती ने मेहमानों का अच्छा स्वागत किया, वह प्रसन्न थी।
उत्तर:-असत्य।
4) रेवती अपने भाई के आने पर प्रसन्न हुई।
उत्तर:- सत्य।
5) नए मेहमान के लेखक है - उदयशंकर भट्ट।
उत्तर:- सत्य।
प्रश्न 4 जोड़ी बनाइए-
(अ)। (ब)। उत्तर
(1) नए मेहमान एकांकीकार 4
2) विश्वनाथ। रेवती का भाई 5
3) आगंतुक अतिथि। 2
4) नन्हेमल एकांकी। 3
5) उदयशंकर भट्ट ग्रह स्वामी 1
प्रश्न 5 किसने, किससे कहा-
क) "अब क्या खाना बनाऊंगी। भैया भूखे नहीं सो सकते।"
उत्तर:-रेवती ने विश्वनाथ को कहा।
ख) "इन बंद मकानों में रहना कितना भयंकर है।"
उत्तर:- विश्वनाथ ने स्वयं से कहा।
ग) "ईश्वर करे इन दिनों में मेहमान आए।"
उत्तर:- रेवती ने विश्वनाथ से कहा।
घ)"क्या कहे पंडितजी, पैदल चले आ रहे हैं।"
उत्तर:-नन्हेमल विश्वनाथ से कहा।
5) "देखिए साहब, मेहमान आपके होंगे, मेरे नहीं।"
उत्तर:- पड़ोसी ने विश्वनाथ से कहा।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1 रेवती अपने घर को जेल खाना क्यों कहती है?
उत्तर:-रेवती अपने घर को जेल खाना इसलिए कहती है, क्योंकि घर बहुत छोटा है, उसमें हवा - प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं है।
प्रश्न 2 मकान छोटा होने के कारण विश्वनाथ किस बात से आशंकित है?
उत्तर:- मकान छोटा होने के कारण विश्वनाथ इस बात से आशंकित है कि कहीं कोई मेहमान आ जाए।
प्रश्न 3 "हे भगवान! कोई मुसीबत ना आ जाए।" रेवती के इस कथन का आशय बताइए।
उत्तर:- रेवती के इस कथन का आशय यह है कि दरवाजे खटखटाने वाले लोग कहीं मेहमान ना हो।
प्रश्न 4 नए मेहमान किस शहर से आए थे?
उत्तर:- नए मेहमान बिजनौर से आए थे।
प्रश्न 5 नन्हेमल और बाबूलाल किसके घर जाना चाहते थे?
उत्तर:-नन्हेमल और बाबूलाल कविराज रामलाल वैद्य के यहां जाना चाहते थे।
लघु उत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न 1 गर्मी से बेहाल विश्वनाथ और रेवती के संवाद को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:- गर्मी से बेहाल विश्वनाथ और रेवती गर्मी में बंद मकान से बहुत परेशान है। मकान बहुत छोटा है। पानी की समस्या है। ठंडा पानी मिल नहीं रहा है। किराए के मकान में वह बहुत परेशान हैं।
प्रश्न 2 नन्हेमल और बाबूलाल स्टेशन से सीधे विश्वनाथ के घर क्यों पहुंचे?
उत्तर:-नन्हेमल और बाबूलाल स्टेशन से सीधे विश्वनाथ के घर इसलिए पहुंचे, क्योंकि वे जिनके यहां जाना चाहते थे, उसका घर और नाम भूल गए थे।
प्रश्न 3 नन्हेमल बिजनौर के किन संदर्भों का उल्लेख विश्वनाथ से किया?
उत्तर:- नन्हेमल ने बिजनौर के संपतराम, सेठ जगदीशप्रसाद का उल्लेख विश्वनाथ से किया।
प्रश्न 4 नन्हेमल और बाबूलाल के सही स्थान पर न पहुंचने का भेद कब खुला?
उत्तर:- नन्हेमल और बाबूलाल के सही स्थान पर ना पहुंचने का भेद उस समय खुला, जब उन्होंने किसी वेद के बारे में कहा था और वह वैद्यराज पास की गली में रहते थे।
प्रश्न 5 आगंतुक के आते ही रेवती के विचारों में क्या परिवर्तन हुआ? और क्यों?
उत्तर:- आगंतुक के आते ही रेवती का सिर दर्द गायब हो जाता है। वह आगंतुक रेवती का भाई था। वह उसके लिए उत्साहित होकर भोजन बनाती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1 एकांकी के आधार पर महानगरीय आवास समस्या पर विचार व्यक्त कीजिए-
उत्तर:-एकांकीकार ने संवादों के माध्यम से महानगरों में रहने वाले मध्यमवर्गीय परिवारों की आर्थिक विवशत्ता को सफलतापूर्वक चित्रित किया है। हिंदुस्तान के हदय दिल्ली में लोग इसी प्रकार जीवन व्यतीत करते हैं। विश्वनाथ किसी कार्यालय में कार्यरत है। वह भीषण गर्मी में भी अवकाश नहीं पाता। इससे स्पष्ट है कि परिवार नौकरी से प्राप्त आय पर ही निर्भर है। अवकाश पाने पर 'राह खर्च' की समस्या उनके सामने हैं। वे गलियों के तंग मकानों, आप पर्याप्त सुविधाओं में रहते हैं। इन बंद मकानों में रहना कितना भयंकर है। आंगन के घड़े में भी तो पानी ठंडा नहीं होता। 'हवा लगे तब ठंडा हो' रेवती के इस कथन से भी गर्मी की भी भीषणता से परिचय हो जाता है।
मध्यमवर्गीय लोग इतना खर्च नहीं कर सकते की सुविधा युक्त मकान ले सके। परिवार मध्यमवर्गीय है तथा संतुलित आय पर ही निर्भर है। भीड़-भाड़ से भरे महानगरों में आवास की जटिल समस्या है। इसलिए मेहमानों के आगमन की समस्या परिवार के प्रमुख के दिमाग में उथल-पुथल मचाती रहती है। 'ईश्वर करे इन दिनों में कोई मेहमान आए' रेवती का यह कथन इसी स्थिति का दिग्दर्शन कराता है।
प्रश्न 2 नन्हेमल और बाबूलाल ने अपने वाकचातुर्य से विश्वनाथ को प्रभावित किया? उनके कुछ महत्वपूर्ण संवाद लिखिए।
उत्तर:- दोनों - (सकपकाकर) चिट्ठी विट्ठ तो नहीं लाए हैं।
नन्हेमल: - संपतराम ने कहा था कि स्टेशन से उतरकर सीधे रेलवे रोड चले जाना। वहां कृष्ण गली में रहते हैं।
नन्हेमल: - छह है! बहुत बड़ा शहर है साहब! हमें तो यह मालूम नहीं है, शायद बताया हो। याद नहीं रहा।
बाबूलाल:- क्या नाम था चाचा?
नन्हेमल : - नाम तो याद नहीं आता।जरा ठहरिए, सोच लु।
बाबूलाल :- अरे चाचा, कविराज या कवि बताया था। मैं उस समय नहीं था। सामान लेने घर गया था। तुम ही ने रेल में बताया था।
नन्हेमल:- हां, साहब, कविराज बताया था। आप तो बेकार शक में पड़े हैं, हम कोई चोर थोड़ी ही है।
बाबूलाल :-चोर छिप थोड़ी ही रहते हैं। पंडित जी, क्या बताएं, हमारे घर चलकर देख ले, तो पता लगेगा कि हम भी......।
नन्हेमल :- हमें याद नहीं रहा। हमें तो जो पता दिया था। उसी के सहारे आ गए। नीचे आवाज लगाई और आप मिल गए, ऊपर चढ़ आए। पहले हमने सोचा होटल या धर्मशाला में ठहर जाए। फिर सोचा, घर के ही तो है। चलो घर चलें।
प्रश्न 3 रेवती का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर:- 1) समस्याग्रस्त ग्रहिणी :- रेवती एक मध्यमवर्गीय परिवार की गृहिणी हैं। अनेक समस्याओं से आक्रांत एक सामान्य शहरी महिला की भांति जीवन जी रही है।
2) अतिथियों के प्रति उपेक्षा भाव :- परिस्थितियों से विवश होकर रेवती के व्यवहार में रूखापन आ गया है। वह अनचाहे और बिन बुलाए मेहमानों के प्रति उपेक्षा भाव रखती है।
3) चिड़चिड़ापन :- रेवती के स्वभाव में आया हुआ चिड़चिड़ापन शहरी जीवन की यंत्रणाओं की उपज है। वह प्रायः बीमार भी रहती है। अतः वह अपने पति विश्वनाथ के साथ वार्तालाप में भी अपनी चिड़चिड़ाहट को प्रकट करती रहती है।
4) अपनापन :- रेवती एक पारिवारिक नारी है। वह अपने और पराए का अंतर गहराई से अनुभव करती है। पति के मेहमान बनकर आए बाबूलाल और नन्हेमल की तो वह उपेक्षा कर देती है, किंतु अपने भाई के आगमन पर पूर्णत: स्नेहिल बन जाती है और रोग की यंत्रणा को भूलकर भाई के आतिथ्य में जुट जाती है।
प्रश्न 4 एकांकी के तत्वों के नाम लिखते हुए नए मेहमान एकांकी के किसी एक तत्व पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:- सामान्यता एकांकी के 7 तत्व है-
1) कथावस्तु, (2) पात्र, (3) संवाद, (4) देशकाल वातावरण, (5) भाषा - शैली, (6) उद्देश्य, (7) अभिनेयता।
1) कथावस्तु :- गर्मी का मौसम है। सोने के लिए खुली जगह की कमी है, परंतु पड़ोसी की छत खाली होने पर भी कोई पड़ोसी उसे उपयोग में नहीं ला सकता है। रेवती पति से कहती है कि पड़ोसी पड़ोसी को दुखी देखकर प्रसन्न होते हैं। छत पर बच्चों को सुलाने की पूछने पर कहती है कि ऊंचा किराया देने पर ही ऐसा मकान मिला है, जिसमें खुली छत है। यह छत दूसरों के प्रयोग के लिए ना होकर अपने प्रयोग के लिए है।
2) पात्र :-पात्र जितने कम हो, एकांकी उतने ही सफल माना जाता है। एकांकी का 'नायक' कथा को प्राणवान बनाता है और हर पात्र अपनी विशेषता से दर्शकों की सहानुभूति प्राप्त करता है। नए मेहमान में विश्वनाथ व रेवती दोनों पात्र अपने स्थान पर सफल है। आगंतुक मेहमान के रूप में बाबूलाल, नन्हेमल भी सफल है। उनका चरित्र कथा को प्राणवान बनाता है तथा आगंतुक दर्शकों को कौतूहल में डाले रहता है। रेवती का चरित्र उद्देश्य को स्पष्ट करता है।
(3) संवाद :- संवाद के द्वारा दो हित साधन प्रमुख रूप से होते हैं - 1) कथावस्तु को गतिशील बनाना,
2) पात्रों का चरित्र - विश्लेषण। इस दृष्टि से 'नए मेहमान' के संवाद सफल है। दृश्यारंभ में रेवती के संवाद वातावरण को स्पष्ट करते हैं। बाबूलाल नन्हेमल के संवाद कौतुहल को सामने लाते हैं।विश्वनाथ के संवाद संकोच सभ्यता को प्रकट करते हैं और कथानक को विकसित करते हैं।
(4) वातावरण (environment) :- कहा जाता है कि जिस एकांकी में देश, काल व कार्य व्यापार की पूर्ण एकता पाई जाए, वह एकांकी सफल होता है। इस एकांकी में भी घटना एक ही स्थान पर घटती है, स्थानों के बीच दूरी नहीं।सभी घटनाएं 2 घंटे से अधिक समय की, एक ही रात्रि और एक ही वातावरण की है।
(5) भाषा- शैली :- एकांकी की भाषा बोलचाल की है। सरल अर्थ व्यक्त करने में समर्थ भाषा पात्रानुकूल है। यथा- 'नहाने का प्रबंध होगा पंडितजी' इन शब्दों में पात्र की अधीरता स्पष्ट होती है।
(6) उद्देश्य :-रेवती अपने घर को जेल खाना इसलिए कहती है, क्योंकि घर बहुत छोटा है, उसमें हवा - प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं है।
(7) अभिनेयता :- एकांकी अभिनेय है। मंचन आसान है।स्पष्ट है, नए मेहमान एक सफल एकांकी है।
प्रश्न 5 अपने मेहमान और पराए मेहमान के प्रति रेवती के व्यवहार में क्या अंतर है? लिखिए।
उत्तर:- यह प्रश्न नाटक के मूलो उद्देश्य को स्पष्ट करता है। मेहमानों के प्रति रेवती के दो दृष्टिकोण है, अपरिचित ओं के लिए उपेक्षा पूर्ण तथा परिचितों के लिए आत्मीयता से परिपूर्ण। क्योंकि पूर्व में आए दो मेहमान अपरिचित है, परिवार से किसी भी तरह संबंधित नहीं है, इसलिए रेवती उनको 'पराया' मानती है। उनके लिए जरा भी सेवा उसके दृष्टिकोण से दु:खदायी और व्यर्थ है। यही कारण है कि उसका व्यवहार उनके प्रति उपेक्षापुर्ण है।वह अपने संकोची पति को स्वागत में सहयोग नहीं देना चाहती और भोजन बनाने की कल्पना मात्र से उसका सिर दर्द बढ़ जाता है। उसका यह कथन- पहले तुम पूछ लो, मैं बाद में खाना बनाऊंगी, अन्यथा नहीं।'
भाषा अध्ययन
प्रश्न 1 निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-
आग बरसना, चौपट हो जाना, पेट में चूहे कूदना, खून का घूंट पीना।
उत्तर:- आग बरसना :- भीषण गर्मी में ऐसा आभास होता है, मानो आग बरस रही हो।
चौपट हो जाना :-बाढ़ ने पूरी फसल चौपट कर दी।
पेट में चूहे कूदना:- भूख लगना।
खून का घूंट पीना:- राम की बदतमीजी के बावजूद श्याम खून का घूंट पीकर रह गया।
प्रश्न 2 निम्नलिखित वाक्यों के लिए एक शब्द लिखिए-
1) यात्रियों के ठहरने का स्थान ।
उत्तर:- धर्मशाला।
2) जिसके आने की तिथि ना मालूम हो।
उत्तर:- अतिथि।
3) आयुर्वेदिक औषधियों से इलाज करने वाला।
उत्तर:- वैद्य।
4) कविताएं रचने वाला।
उत्तर:- कवि।
प्रश्न 3 निम्नलिखित वाक्यों में अशुद्ध वर्तनी वाले शब्द को सही वर्तनी लिखिए-
1) जिवन में तुम्हें कोई सुख न दे सका।
उत्तर:- जीवन।
2) शायद वहां कोई साहित्यिक मित्र हो।
उत्तर:- साहित्यक।
3) वह पड़ोसी को इसत्री चिल्ला रही है।
उत्तर:-स्त्री।
4) मैं यह बरदाश नहीं कर सकता।
उत्तर:-बर्दाश्त।
प्रश्न 4 निम्नलिखित गद्यांश में उचित विराम चिन्हों का प्रयोग कीजिए।
उत्तर:- खाना तो खिलाना ही होगा। तुम भी खूब हो, भला इस तरह कैसे काम चलेगा? दर्द के मारे तो सिर फटा जा रहा है। फिर खाना बनाना इनके लिए और इस समय आखिरी ये आए कहां से हैं?
प्रश्न 5 पाठ में चिट्ठी -पत्री पर तार शब्दों का प्रयोग हुआ है।आप भी अपने आने की सूचना पत्र द्वारा अपने रिश्तेदार को दीजिए।
उत्तर:- 303, विलास नगर
जबलपुर
आदरणीय काकाजी,
सादर चरण स्पर्श!
मैं यहां पर आनंद से हूं। आशा है, आप भी सपरिवार सानंद होंगे। मुझे व्यापार संबंधित काम के लिए जबलपुर आना है। मैं 3 दिन तक आपके यहां ही रुकूंगा। आप का सानिध्य लाभ प्राप्त होगा।
पूजा काकीजी को चरण स्पर्श!
दिनांक __________
आपका भतीजा
रजनीश
अतिरिक्त प्रश्नोउत्तर
प्रश्न 1 इस एकांकी का उद्देश्य क्या है? लेखक इसके द्वारा क्या व्यक्त करना चाहता है?
उत्तर:- 1) एक सामान्य गृहस्थ की स्थिति समस्या का विवेचन - आवास की असुविधा के कारण विश्वनाथ व रेवती नहीं चाहते थे कि कोई मेहमान आए। रेवती की दृष्टि में 'मेहमान' मुसीबत है। उसका कथन - 'ईश्वर करें इन दिनों कोई मेहमान आए' उसकी मानसिक स्थिति का विश्लेषण होने के साथ-साथ परिवार की आवाज समस्या का विवेचन प्रस्तुत करता है।
2) सामान्य परिवार का आर्थिक जीवन- प्रथम श्रेणी परिवार आर्थिक विपन्नता ओ से ग्रस्त रहता है। अतः मेहमानों का आगमन उन्हें भारी जान पड़ता है। आर्थिक विपन्नता इन्हें औरों के समान गर्मियों में बाहर जाने का अवसर, अच्छा मकान पाने की इच्छा और नया पंखा लाने का अवसर नहीं देती।
3) मेहमानों का आगमन - दो अपरिचित ओं का परिचित की तरह आगमन दोनों को परेशानी में डाल देता है। छोटा मकान, सीमित आमदनी, मेहमानों की ( हनुमान की पूंछ की तरह)बढ़ती हुई आवश्यकताओं की सूची सिर दर्द को जन्म देती है। यह मेहमान उन धुर्तो के प्रतीक है। जो धोखा देकर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं।
4) मेहमानों के स्वागत में दृष्टि भेद- मेहमानों के विदा होते ही रेवती के भाई का आगमन उसे प्रसन्नता प्रदान करता है। वह उत्साहित होकर भोजन बनाती है।
संक्षेप में इस एकांकी का उद्देश्य महानगरों में रहने वाले मध्यम श्रेणी के परिवारों की आवास स्थिति पर प्रकाश डालना और विशेषताओं को प्रकट करना है।
प्रश्न 2 'नए मेहमान' एकांकी में किन-किन सामाजिक समस्याओं का उल्लेख किया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:- 'नए मेहमान' एकांकी में लेखक ने कतिपय सामाजिक समस्याओं को उभारा है।
1) आवास की समस्या- महानगरीय जीवन में आबादी की अधिकता के कारण आवास की समस्या बहुत जटिल हो गई है। समाज का बहुत बड़ा वर्ग इस समस्या से बुरी तरह प्रभावित और पीड़ित है।
2) अर्थोभाव की समस्या- शहरी जीवन में अनेक परिवार आर्थिक अभाव से ग्रस्त रहते हैं। विश्वनाथ जैसे मध्यमवर्गीय समस्या ग्रस्त लोग अपने परिजनों के स्वास्थ्य एवं सुविधाओं के लिए पर्याप्त साधन नहीं जुटा पाते हैं।
3) पड़ोसी -पड़ोसी की समस्या- शहरों में प्रायः असहिष्णु और स्वार्थी लोगों के दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। विश्वनाथ को अपने पड़ोसी की स्वार्थवृत्ति से कई बार अपमानित होना पड़ा था।
4) अतिथियों की समस्या- अतिथियों का आगमन शहरी जीवन की एक अत्यंत कष्टदायी समस्या है। तंगहाल आवासों में रहना और सीमित आर्थिक साधनों में परिवार का पालन- पोषण करना स्वयं में ही एक समस्या है। ऐसे में अतिथियों का आगमन किसी भीषण यंत्रणा से कम कष्टदायी नहीं होता है।
इस प्रकार इस एकांकी में अनेक सामाजिक समस्याओं की ओर लेखक ने संकेत किया है।
प्रश्न 3 नए मेहमान का तात्पर्य किससे है? कारण सहित उत्तर लिखो।
उत्तर:- वर्तमान में केवल परिचित ही 'मेहमान' शब्द से जाना जाता है, उससे ही हम अतिथि कहते हैं। आर्थिक विपन्नता,कतिपय भी बताएं और संकुचित भावना तथा सांसारिक धूर्तता के कारण वर्तमान में हर परिचित-अपरिचित का स्वागत संभव नहीं है। यही कारण है कि नन्हेमल व बाबूलाल को विश्वनाथ अपना अतिथि मानने को तैयार नहीं। और बाबूलाल विश्वनाथ के घर पहली बार आए हैं। उन्हें घर का कोई सदस्य नहीं जानता। वह घर के वातावरण से भी अपरिचित है। इसलिए दोनों ही नए मेहमान है।
प्रश्न 4 आगंतुक के प्रति रेवती के आत्मीय व्यवहार से आप कहां तक सहमत है, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:-यह सामान्य एवं ध्रुव सत्य है कि जिसे हम अपना समझते हैं, उसका आगमन हमारे जीवन में खुशियां ले आता है। उस समय हम हमारी सभी परेशानियां भूल जाते हैं। और रेवती के यहां जब अपरिचित मेहमान आए, तो उसका सिर दर्द होने लगा। वह विश्वनाथ को कोसने लगी, खाना बनाने में आनाकानी करने लगी, जबकि अपने भाई के आने पर वह प्रसन्न हो गई। उसका स्वागत किया तथा बड़े प्रेम से उसके लिए खाना बनाया।
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