Topic - 5
प्रकृति- चित्रण
(1) गीत:-
कवि का नाम- जयशंकरप्रसाद
(2) मंगल वर्षा:-
कवि का नाम-भवानी प्रसाद मिश्र
प्रश्न 1 सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(क) 'कामायानी' निम्न में से किसकी रचना है-
उत्तर:-जयशंकर प्रसाद।
(ख) भवानी प्रसाद मिश्र का जन्म हुआ था-
उत्तर:-सन 1913 में।
(ग) गीत कविता में कवि ने 'आकाश' को कहा है-
उत्तर:-पनघट।
(घ) सावन में सबसे अधिक प्रसन्न कौन दिखाई दे रही है-
उत्तर:-ग्रामवधू।
(ड) 'बीती विभावरी जाग री' के बाद की पंक्ति लिखिए-
उत्तर:-अम्बर पनघट में डुबो रही।
प्रश्न 2 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
उत्तर:- (1) बीती विभावरी जाग री।
अम्बर- पनघट में डुबो रही-
तारा- घट उषा- नागरी।
(2) तू अब तक सोई है आली,
आंखों में भरी विभाग री।
(3) बादल आए आसमान में, धरती फुली री।
प्रश्न 3 सत्य/असत्य लिखिए-
(1)'बीती विभावरी जाग री' के रचयिता श्री जयशंकर प्रसाद है।(✓)
(2) 'मंगल वर्षा' में कवि श्री जयशंकर प्रसाद ने वर्षा का वर्णन किया
है।(×)
(3)'मगन-मन' में रुपक अलंकार है।(×)
(4) कवि ने आकाश को पनघट कहा है।(✓)
(5) अरी सुहागिन! सम्बोधन-ग्राम वधू के लिए आया है(✓)
प्रश्न 4 सही जोड़ी बनाइए-
(अ)
(ब)
(क) 'अरि सुहागिन' -
ग्राम वधू
(ख) पनघट
- आकाश
(ग) तारे
- घड़े
(घ) उषा
- नायिका
(ड) बादल
- आसमान
प्रश्न 5 एक शब्द/वाक्य में उत्तर लिखिए-
(1) 'कामायनी' के रचनाकार का नाम लिखिए।
उत्तर:- जयशंकर प्रसाद।
(2)'सतपुडा के जंगल' के कवि कौन है?
उत्तर:-भवानी प्रसाद मिश्र।
(3)'खग कुल-कुल-कुल सा बोल रहा' में अलंकार कौन- सा है?
उत्तर:-अनुप्रास अलंकार।
(4)'पाथर' शब्द का तत्सम रुप करता है?
उत्तर:-पत्थर।
(5)कविता में मानवीकरण का एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर:- तारा-घट-ऊषा नागरी।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1 प्रस्तुत गीत में 'तारागण' को किस रुप में चित्रित किया है?
उत्तर:- प्रस्तुत गीत में 'तारागण' को घड़े के रुप में चित्रित किया है।
प्रश्न 2 कवि ने पनघट किसे कहा है?
उत्तर:-कवि ने आकाश को पनघट कहा है।
प्रश्न 3 बिजली की चमक देखकर कवि सखी को क्या सलाह देता है?
उत्तर:-बिजली की चमक देखकर कवि सखी को यह सलाह देता है कि वह भाग जाए।
प्रश्न 4 'अरी सुहागिन' संबोधन किसके लिए आया है?
उत्तर:-'अरी सुहागिन!' संबोधन ग्राम वधू के लिए आया है।
प्रश्न 5 सहज रंगीली नायिका किस के रंग में रंगी हुई है?
उत्तर:-सहज रंगीली नायिका इंद्रधनुष के रंग में रंगी हुई है।
लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1'विभावरी'के बीतने पर 'ऊषा नागरी' क्या कर रही है?
उत्तर:-'विभावरी' के बीतने पर ऊषा रूपी नायिका आकाश रूपी पनघट में तारों
के घड़े डूबा रही है। अर्थात तारागण अस्तप्राय: है तथा उजाला फैल रहा है।
प्रश्न 2'आंखों में भरे विहाग री' संबोधन किसके लिए आया है?
उत्तर:- 'आंखों में भरे विहाग री' संबोधन सखी के लिए किया गया है।
प्रश्न 3 खगकुल 'कूल- कूल सा' क्यों बोलने लगा है?
उत्तर:-प्रभात हो जाने से पक्षियों का समूह कलरव करने लगता है।
प्रश्न 4 आसमान में बादलों के आते ही धरती पर क्या प्रतिक्रिया होती है?
उत्तर:-आसमान में बादलों के आते ही धरती हरी- भरी हो जाती है। वह
छोटे-छोटे तिनको से अपनी प्रसन्नता व्यक्त करती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1 निम्न पद्यांशो का आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) अधरों में राग अमन्द..................... विहाग री। उत्तर:-संदर्भ:-
प्रस्तुत गीत हमारी पाठ्यपुस्तक की कविता 'गीत' से अवतरित है। इसके कवि श्री
जयशंकर प्रसाद है।
प्रसंग:-
इस रचना में प्रभात के पूर्व का प्राकृतिक
वर्णन किया गया है।
व्याख्या:-
कवि नायिका को संबोधित कर कह रहा है
कि हे सखी! तुम्हारे अधर रस से परिपूर्ण है। नायिका ने रात्रि में कोई श्रेष्ठ
राग गया था, जिसका प्रभाव उसके होठों पर अभी भी दिखाई दे रहा है। तुम्हारे बालों
से सुगंध आ रही है, मानो मलय पर्वत से सुगंधित हवा के झोंके को तुमने अपनी पलकों
में बंद कर दिया हो। हे सखी! प्रातः काल होने को है। तुम अभी तक सो रही हो।
तुम्हारी आंखों में 'विहाग' दृष्टिगोचर हो रहा है। ऐसा लग रहा है, मानो प्रिय
विरह मैं तुम सोई नहीं हो। तुम्हारी आंखों में प्रियतम से मिलन की उत्कण्ठा
परिलक्षित हो रही है। हे सखी उठो! रात बीत गई है।
(ख) 'फिसली- सी पगडण्डी,............... सरग- नसेनी री।
उत्तर:-संदर्भ:-
प्रस्तुत
पंक्तियां हमारी पाठ्यपुस्तक की कविता 'मंगल वर्षा' से ली गई है। इनके कवि श्री
भवानी प्रसाद मिश्र है।
प्रसंग:-
प्रस्तुत पंक्तियां में वर्षा का सहज, किंतु
मनोहारी वर्णन हुआ है।
व्याख्या:-
कवि कह रहा है कि पगडण्डियां
फिसल रही है। सात रंगों से इंद्रधनुष सजा हुआ है। सखी भी इंद्रधनुष के रंग में
रंगी हुई है। प्रियतमा की आंखें शर्म से लजा रही है। बिछियां के रुनझुन की आवाज आ
रही है। इस समय हिण्डोले के पैग ऊंचे-ऊंचे हो रहे हैं। झूलों से लोग बहुत ऊंचाई
पर जा रहे हैं। मानो हिण्डोले स्वर्ग की सीढ़ी हो।
(ग) 'बिजली चमकी भाग.............…... पानी बरसा री। उत्तर:-संदर्भ:-
कवि कह रहा है
कि हे सखी! बिजली चमक रही है। तू भाग जा। मेंढक आवाज कर रहे हैं। कवि ग्राम वधु
को सुहागिन कहते हुए कह रहा है कि वह इंद्रधनुष के रंग में रंगी हुई है। भरी हुई
मांग में वह भावों में भरी हुई है। पंछी चुपचाप उड़ रहे हैं। हिलोर उठने लगी।
प्यार में मग्न पागल मन का स्पर्श हो रहा है। आज प्यार के अंकुर फूट रहे हैं।
पानी बरस रहा है।
प्रश्न 2 भोर होते ही प्रकृति में कैसी-कैसी चेतनता आती है? प्रसाद की कविता
के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:-भोर होते ही प्रकृति मैं नवीन चेतना आ जाती है। पक्षीगण कलरव करने
लगते हैं।नया उजाला सभी प्राणियों में चेतना का संचार करने लगता है। कोपलें
मंदगति से चलने वाली हवा में हिलने लगते हैं। फूलों में नया पराग आने लगता है,
फूल खिलने लगते हैं।
प्रश्न 3 ''किसलय का अंचल डोल रहा"कहकर कवि क्या कहना चाहता है? स्पष्ट
कीजिए।
उत्तर:-''किसलय का अंचल डोल रहा"कहकर कवि यह कहना चाहता है कि प्रातः काल
की मंद गति से बहने वाली हवा से छोटे-छोटे पौधे (कोपलें) डोलने, हिलने लगते हैं
प्रश्न 4 सावन में ग्राम वधू के उल्लास का वर्णन कवि के शब्दों में कीजिए।
उत्तर:-सावन में ग्राम वधू अधिक प्रसन्न दिखाई देती है। वह भरी हुई मांग
के साथ कुछ भुलती- सी नजर आती है, जिसे वह याद करती है, वह इंद्रधनुष के रंग में
रंगी हुई है। उसकी बिछिया रुनझुन की आवाज कर रही है, उसकी वेणी हिल रही है। वह
हिंडोले में झूल रही है।
काव्य सौंदर्य-
प्रश्न 1 निम्नलिखित पंक्तियों में से अलंकार पहचान कर लिखिए-
बीती विभावरी जाग री।
अम्बर- पनघट में डुबो रही-
तारा- घट ऊषा- नागरी
खग- कूल कूल- कूल सा बोल रहा,
किसलय का अंचल डोल रहा।
उत्तर:-रूपक मानवीकरण, अनुप्रास।
प्रश्न 2 निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए-
विभावरी, अंबर, ऊषा, मलयज, खग
उत्तर:-विभावरी -
रात्रि, रात
अम्बर
- आकाश, आसमान
ऊषा
- प्रातः काल, भोर
मलयज
- मलय पर्वत की सुगंधित हवा।
खग
- पक्षी, पखेरू ।
प्रश्न 3 निम्नलिखित पंक्तियों का भाव सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
* अधरों में राग अमन्द पिये,
अलकों में मलयज बंद किये।
उत्तर:-नायिका ने कोई श्रेष्ठ राग रात्रि में गाया था, जिसका प्रभाव उसके
होठों पर दिखाई दे रहा है।उस राग के शब्द हिलते हुए होंठ से प्रविभासित हो रहे
हैं। नायिका के बालों से सुगंध निकल रही है, उसने रात्रि में अपने बालों में
सुगंधित द्रव्य लगाया था।
* फिसली - सी पगडण्डी,
खिसली आंख लजीली री।
उत्तर:-वर्षा के कारण पगडण्डी फिसलन भरी हो गई है। ग्राम वधू की आंख लजीली
है।
प्रश्न 4 निम्नलिखित शब्दों में से तत्सम एवं तद्भव शब्द छाटकर लिखिए-
अम्बर, धरती, दादुर, खग, नवल, अधर, अलक, मोती, सरग।
उत्तर:- तत्सम:-
अंबर, खग, नवल, अधर, सरग।
तद्भव:-
धरती, दादुर, अलक, मोती।
प्रश्न 5 कविता में आए पुनरुक्ति प्रकाश के उदाहरण छांटकर लिखिए।
उत्तर:-पुनरुक्ति प्रकाश:-
छन- छन उठी हिलोर
ऊंचे-
ऊंचे पेग
फुर-फुर उड़ी फुहार
झर- झर
झरना झरे।
प्रश्न 6 कविता में आए मानवीकरण के उदाहरण छांटकर लिखिए।
उत्तर:-(1) बीती विभावरी जाग री
अम्बर- पनघट में डुबो रही
तारा- घट ऊषा
नागरी ।
(2) रात सुहागिन गाय मुदित।
प्रश्न 7 कविता में आई 'प्रसाद गुण' संपन्न पंक्तियां छांटकर लिखिए।
उत्तर:-(1) पीके फोटो आज प्यार के पानी बरसा री।
(2) बादल आए आसमान में धरती फूली री।
(3) कौन जन्म के पुण्य कि ऐसे शुभ दिन आएगी।
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