Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

Responsive Advertisement

Question answer Topic 20

Topic - 10
                 ą¤µिविधा - 2
(1) नदी के द्वीप :-
                       ą¤•वि का नाम-ą¤…ą¤œ्ą¤žेय।
(2) भारत माता की जय बोल दो:-
                   ą¤•वि का नाम-वीरेंद्र मिश्र

प्रश्न 1 सही विकल्प चुनकर लिखिą¤-
क) हम द्वीप है-
उत्तर:-नदी के।
ख) कवि ने 'रक्त चरित्रों' का प्रयोग किनके लिą¤ किया है-
उत्तर:-भारतीय।
ग) वीभत्स रस का स्ऄाई भाव है-
उत्तर: घृणा।
घ) समास के प्रकार है-
उत्तर:- छ:।
औ)'नदी के द्वीप'के रचयिता है-
उत्तर:-ą¤…ą¤œ्ą¤žेय।
प्रश्न दो रिक्त स्ऄानों की पूर्ति कीजिą¤-
(1) हम नदी के द्वीप है।
 ą¤¹ą¤® नहीं कहते कि हमको छोऔ़कर स्त्रोतस्विनी बह जाय। वह हमें आकार देती है।
(2)सांą¤- सकारे चंदा - सूरज करते जिसकी आरती।
 ą¤‰ą¤ø मिट्टी में मन का सोना औाल दो।
 ą¤—्रह - नक्षत्रों भारत की जय बोल दो।
(3)शांति और संस्कृति की जो बहती- स्वाधीन जाहृवी 
कोई रोके, बलिदानी रंग घोल दो।
 ą¤°ą¤•्त चरित्रों! भारत की जय बोल दो।
प्रश्न 3 सत्य /असत्य लिखिą¤-
(1)'हम नदी के द्वीप है'के कवि वीरेंद्र मिश्र है। (×)
(2) कवि ने 'रक्त चरित्रों' शब्दो का प्रयोग भारतीयों के लिą¤ किया है।(✓)
(3)'बावरा अहेरी' के लेखक ą¤…ą¤œ्ą¤žेय है।(✓)
(4) वीरेंद्र मिश्र नवगीत परंपरा के विशिष्ट कवि माने जाते हैं।(✓)
(5) चंदा- सूरज प्रातः काल भारत माता की आरती करते हैं।(×)
प्रश्न 4 सही जोऔ़ी बनाą¤‡ą¤-
उत्तर:- (अ)                                    (ब)
       ą¤Øą¤¦ी के द्वीप                -          ą¤…ą¤œ्ą¤žेय
भारत माता की जय बोल दो -        वीरेंद्र मिश्र
        द्वीप                          -            नदी
     ą¤°ą¤•्त चरित्र                     -         ą¤­ारतीय
     ą¤ुलसती धरा                 -       ą¤øावन का दान
प्रश्न 5 ą¤ą¤• शब्द /वाक्य में उत्तर लिखिą¤-
(1)'तारा सप्तक' के प्रमुख कवि कौन है?
 ą¤‰ą¤¤्तर:-ą¤…ą¤œ्ą¤žेय।
(2)'दिनमान'के कुशल संपादक के रूप में कौन जाने जाते हैं? 
उत्तर:-ą¤…ą¤œ्ą¤žेय।
(3)'वाणी के कर्णधार 'रचना के कवि कौन है?
उत्तर:-वीरेंद्र मिश्र।
(4)'नदी के द्वीप' कविता में कवि ने किसके महत्व को स्वीकार किया है?
उत्तर:-व्यक्ति के।
(5) आस्ऄाओं की ą¤Ÿą¤•ą¤°ाहट से क्या हानि होगी? 
उत्तर:-देश टूटेगा।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1 कवि ने द्वीप को किसका पुत्र कहा है?
उत्तर:-कवि ने द्वीप को नदी का पुत्र कहा है।
प्रश्न 2 नदी सदा गतिशील रहकर क्या दान देती है?
उत्तर:-नदी सदा गतिशील रहकर द्वीप को आकार देती है।
प्रश्न 3 सांą¤- सकारे भारत माता की आरती कौन करता है? उत्तर:-सांą¤ सकारे चंदा- सूरज भारत माता की आरती करते हैं।
प्रश्न 4 कवि ने भारत माता की जय- ą¤œą¤Æą¤•ार का आह्वान किससे किया है?
 ą¤‰ą¤¤्तर:-कवि ने भारत माता की जय- ą¤œą¤Æą¤•ार का आह्वान ग्रह-नक्षत्रों से किया है।
प्रश्न 5 ą¤ूलासती धरा के लिą¤ किस दान की आवश्यकता है? 
उत्तर:-ą¤ुलसती धरा के लिą¤ सावन के दान की आवश्यकता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1 नदी द्वीप को किस प्रकार आकार देती है?
 ą¤‰ą¤¤्तर:- नदी द्वीप को कोण, गोलियां, अंतरीप, उभार, रेत का किनारा आदि देती है। सब गोलाइयां नदी ने गढ़ी है, नदी मां है। द्वीप नदी से ही बने हैं।
प्रश्न 2 'भारत माता की जय बोल' कविता में किन-किन प्राकृतिक उपादानों का उल्लेख किया है?
उत्तर:- 'भारत माता की जय बोल'  कविता में चंदा, सूरज, ग्रह- नक्षत्र, ऋतुओं आदि उपादानों का उल्लेख किया है।
प्रश्न 3 कवि ने प्रकृति से भारत को सजाने-संवारने का अनुरोध क्यों किया है? 
उत्तर:-कवि ने प्रकृति से भारत को सजाने- संवारने का अनुरोध इसलिą¤ किया है, ताकि भारत हरा- भरा, संस्कृति का धनी, उन्नतिशील तऄा शांतिप्रिय देश बना रहे।
प्रश्न 4 कवि मिश्र ने देशवासियों के मिल-जुलकर रहने पर अत्यधिक बल क्यों दिया है?
 ą¤‰ą¤¤्तर:-कवि मिश्र ने देशवासियों के मिल-जुलकर रहने पर अत्यधिक बल इसलिą¤ दिया है, क्योंकि ą¤Ÿą¤•ą¤°ाहट से लाभ के स्ऄान पर हानि ही हानि है। मिल-जुलकर न रहने से देश की ą¤†ą¤œादी को खतरा हो सकता है। सभी को अपनी-अपनी आस्ऄाओं के अनुसार अपने-अपने रास्ते पर चलना है, क्योंकि सब की मंजिल ą¤ą¤• ही है, ą¤Ÿą¤•ą¤°ाहट न हो।
प्रश्न 5 बलिदानी रंग से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:- बलिदानी रंग से तात्पर्य है - देश की ą¤†ą¤œादी की रक्षा के लिą¤ सदैव अपना बलिदान करने के लिą¤ तैयार रहना। यह स्वाधीनता की गंगा शांति और संस्कृति के साऄ बहती है। इससे कोई रोकने का प्रयास करें, तो उसके लिą¤ बलिदान को प्राऄमिकता देना है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 द्वीप की विशेषताओं का वर्णन कीजिą¤।
उत्तर:- šŸ️ द्वीप स्ऄिर समर्पण है, वह बहतें नहीं। नदी उन्हें आकार देती है। नदी उनकी माता है, भूखंऔ उनका पिता है। नदी उन्हें संस्कार देती है।
प्रश्न 2 नदी हमें किस प्रकार संस्कार देती है? स्पष्ट कीजिą¤। 
उत्तर:-नदी द्वीपों को मांą¤œą¤•ą¤° उन्हें संस्कार देती है। भूखण्औों से उन्हें जो प्राप्ति होती है, नदी उसे संवारती है, दीपों को नूतन रुप देती है।
प्रश्न 3 'नदी के द्वीप' कविता का मूल भाव अपने शब्दों में लिखिą¤।
उत्तर:-प्रस्तुत कविता में वे व्यक्ति के महत्व को स्वीकार करते हैं, वे कहते हैं कि समाज ą¤ą¤• नदी है और व्यक्ति इस नदी में द्वीप जैसा है। यद्यपि समाज ही व्यक्ति का निर्माण करता है,किंतु समाज में व्यक्ति पूरी तरह से अपनी पहचान समर्पित नहीं कर सकता। व्यक्तित्व की अपनी छवि होती है; इस छवि को बनाą¤ रखना भी जरूरी है;किंतु ऐसा भी न हो कि व्यक्ति अपनी व्यक्तित्व की रक्षा में इतना संलग्न हो जाą¤ कि वह समाज की उपेक्षा करने लगे। उसे समाज के विकास और उसके प्रवाह को भी सुरक्षित रखना है।
प्रश्न 4 कवि मिश्र ने प्रकृति के उपादानों से भारत माता के लिą¤ क्या-क्या करने को कहा है?
उत्तर:-कवि मिश्र ने ग्रह- नक्षत्रों से भारत की जय बोलने को कहा है। ऋतुओं से नूतन परिधान देने को कहा है, सावन का दान देने को कहा है।
प्रश्न 5 वह माली है, वह खुशबू है, हम चमन,
          वह मूरत है, वह मंदिर है, हम नमन।
इन पंक्तियों में माली, खुशबू, मुरत और मंदिर किसे कहा गया है और क्यों?
उत्तर:-भारत को माली, संस्कृति को खुशबू, भारत माता को मुरत तऄा भारतीयों के हदय को मंदिर कहां है। क्योंकि भारत देश हमारा माली है। हम भारतवासी उसमाली की बगिया है। हमारे संस्कारों की खुशबू सर्वत्र फैलती है। भारत माता हमारी देवी है। वह हमारे हृदय रूपी मंदिर में सदैव निवास करें।
प्रश्न 6 कवि ने भारतीयों को 'रक्त चरित्रों' कहकर क्यों संबोधित किया है?
उत्तर:-कवि ने भारतीयों को रक्त चरित्रो से सम्बोधित इसलिą¤ किया है, क्योंकि स्वाधीनता की रक्षा के लिą¤ हर भारतीय को अपने रक्त से पहचान देनी है। रक्त ही हमारा चरित्र है। देश की रक्षा रक्त से हो सकती है।
प्रश्न 7 मंदिर, मस्जिद और गिरजाघर में मानव कैसे कैद हो सकता है? इनमें कैद मानव को मुक्त कैसे किया जा सकता है? 
उत्तर:-मानव अपनी मुक्ति चाहता है। वह ą¤øą¤®ą¤ą¤¤ा है कि ईश्वर मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघरों में रहता है। इसलिą¤ वह उस ईश्वर की प्राप्ति के लिą¤ दिन-रात मंदिरों, मस्जिदों मैं रहता। ऐसा लगता है, मानो वह कैद हो गया हो। इनमें कैद मानव को नई किरण देनी है, मंदिरों के किवाऔ़ खोलने हैं, ताकि वह प्रकृति के दर्शन कर सके, प्रकृति को भगवान मान सके।

Post a Comment

0 Comments