पेशीय ऊतक (Muscular Tissue)
Structure, Definition, Function, Types & Introduction of Muscular Tissue in Hindi
🔹परिचय (Introduction):
पेशीय ऊतक वह ऊतक है जो शरीर की गति, अंगों की चाल, आंतरिक क्रियाओं और मांसपेशियों की कार्यक्षमता के लिए जिम्मेदार होता है। यह ऊतक विशेष रूप से संकुचन (contraction) और शिथिलता (relaxation) के गुणों से युक्त होता है, जिससे गति संभव होती है।
🔹परिभाषा (Definition):
"पेशीय ऊतक वह ऊतक होता है जो संकुचन और शिथिल होकर शरीर की आंतरिक व बाह्य गतियों को नियंत्रित करता है।"
पेशीय ऊतक में फैलने व संकुचित होने की शंका होती है पेशीय ऊतक में कोशिकाएं बहुत संघन होते हैं।
🔹संरचना (Structure):
- पेशीय ऊतक मांसपेशी तंतुओं (muscle fibers) से बना होता है।
- हर तन्तु लंबा, बेलनाकार और बहु-कोशिकीय हो सकता है (विशेषकर कंकाल पेशियों में)।
- तन्तुओं में संकुचनशील प्रोटीन (actin और myosin) होते हैं, जो संकुचन के लिए ज़िम्मेदार होते हैं।
- इन ऊतकों में रक्त की आपूर्ति और तंत्रिका तंत्र से नियंत्रण होता है।
🔹कार्य (Functions):
1. शरीर की गति को संभव बनाना (Movement)।
2. आंतरिक अंगों की गतिविधि नियंत्रित करना (जैसे – हृदय स्पंदन, पाचन)।
3. शरीर की मुद्रा बनाए रखना (Posture)।
4. शरीर को स्थिरता और संतुलन प्रदान करना।
5. गर्मी उत्पादन (Heat generation)।
🔹पेशीय ऊतक के प्रकार (Types of Muscular Tissue): पेशीय ऊतक तीन प्रकार के होते हैं
1)कंकाल पेशीय ऊतक(Skeletal Muscle Tissue)
2)चिकनी पेशीय ऊतक (Smooth Muscle Tissue)
3)हृदय पेशीय ऊतक (Cardiac Muscle Tissue)
1)कंकाल पेशीय ऊतक(Skeletal Muscle Tissue):
इस प्रकार की पेशियां अस्थियों(Bone)से जुड़ी होती है, उन्हें ऐच्छिक पेशियां भी कहते हैं, यह बहुत से तंतुओं से मिलकर बनी होती है जो संयोजी ऊतक(Connective Tissue) द्वारा आपस में जुड़े होते हैं, प्रत्येक पेशीय तंतु बेलनाकार होता है। जो बहुत लंबा, 35°C है उन पेशीय तंतु पर हल्के व गहरे रंग की पट्टी दिखाई देती है, इसलिए इनको रेखीय पेशी (Linear Muscle) भी कहते हैं।
2)चिकनी पेशीय ऊतक (Smooth Muscle Tissue):
यह पेशीय दोनों किनारो पर पतली और बीच में मोटी होती है किनारो को टेंण्डन (Tendons) कहते हैं जिसके द्वारा यह पैसे हड्डी से जुड़ी होती है यह स्वत: संकुचित (Compressed) अथवा शिथिल(loosely) होती है।
3)हृदय पेशीय ऊतक (Cardiac Muscle Tissue):
यह पेशीया केवल हृदय की दीवारों में पाई जाती है, हृदय पेशियां की क्रियाएं भी अनैच्छिक होती है उन्ही की सहायता से हृदय संकुचित व शिथिल होता है यह पेशियां कभी नहीं थकती है।
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