उपास्थि ऊतक (Cartilage Tissue)
Structure, Function &Types of Cartilage Tissue in Hindi
परिचय (Introduction):
उपास्थि ऊतक (Cartilage Tissue) एक विशेष प्रकार का संयोजी ऊतक है, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में लचीलापन, सहारा और संरचना प्रदान करता है। यह हड्डी से अधिक लचीला परंतु मज़बूत होता है। यह ऊतक विकासशील भ्रूण में हड्डियों का अग्रदूत होता है और वयस्कों में जोड़ों, कान, नाक, श्वासनली आदि में मौजूद रहता है।
परिभाषा (Definition):
"उपास्थि ऊतक एक लचीला, घनिष्ठ संयोजी ऊतक है, जो मुख्य रूप से उपास्थिक कोशिकाओं (Chondrocytes), उपास्थिक तंतुओं (Cartilage fibers) और जेलनुमा मैट्रिक्स से मिलकर बना होता है तथा यह शरीर के विभिन्न अंगों को लचीलापन, सहारा और संरचना प्रदान करता है।"
संरचना (Structure):
- कॉनड्रोसाइट्स (Chondrocytes): उपास्थि की प्रमुख कोशिकाएं जो मैट्रिक्स बनाती हैं और एक विशेष कैविटी (Lacunae) में पाई जाती हैं।
- मैट्रिक्स: जेल जैसी अर्धद्रव सामग्री जिसमें कोलेजन और इलास्टिन तंतु होते हैं। यह ऊतक को लचीलापन और मजबूती देता है।
- कोलेजन/इलास्टिन फाइबर: रचना और लचीलापन सुनिश्चित करते हैं।
- पेरिकॉन्ड्रियम (Perichondrium): उपास्थि को ढकने वाली झिल्ली, जो पोषण और वृद्धि में सहायता करती है (कुछ उपास्थियों में अनुपस्थित भी हो सकती है)।
कार्य (Functions):
1. शरीर के अंगों को संरचना व लचीलापन प्रदान करना।
2. हड्डियों के सिरों पर घर्षण को कम करना और गति को आसान बनाना।
3. भ्रूण विकास के दौरान हड्डियों के लिए प्रारंभिक ढांचा प्रदान करना।
4. कान, नाक, श्वासनली आदि को लचीला सहारा देना।
5. झटकों को अवशोषित करना (Shock Absorber) जैसे रीढ़ की डिस्कों में।
प्रकार (Types of Cartilage Tissue):
1. कंचाभ उपास्थि ऊतक (Hyaline Cartilage):
- सबसे सामान्य प्रकार।
- चिकना, नीला-सफेद और अर्धपारदर्शी होता है।
- स्थान: शिशुओं की हड्डियों में, पसलियों के सिरों पर, ट्रेकिया, नाक, जोड़ों में।
- कार्य: जोड़ों में घर्षण कम करता है और लचीलापन देता है।
2. प्रत्यास्थ उपास्थि ऊतक (Elastic Cartilage):
- इसमें अधिक मात्रा में इलास्टिक फाइबर होते हैं।
- अधिक लचीला होता है।
- स्थान: बाहरी कान (Pinna), एपिग्लॉटिस।
- कार्य: अंगों को लचीलापन देते हुए उनका आकार बनाए रखना।
3. तंतु उपास्थि ऊतक (Fibrocartilage):
- इसमें घने कोलेजन फाइबर होते हैं।
- सबसे मज़बूत प्रकार का उपास्थि।
- स्थान: इंटरवर्टिब्रल डिस्क (रीढ़ की हड्डियों के बीच), घुटनों के मेनिस्कस।
- कार्य: झटकों को अवशोषित करना और संकुचन-प्रसार में सहायक होना।
उपास्थि ऊतक कहां पाए जाते हैं? (Location):
- नाक: कंचाभ उपास्थि (Hyaline cartilage)
- बाहरी कान: प्रत्यास्थ उपास्थि(elastic cartilage)
- श्वासनली (Trachea): कंचाभ उपास्थि(Hyaline cartilage)
- रीढ़ की डिस्क: तंतु उपास्थि(Fibrocartilage)
- घुटनों के जोड़ : तंतु उपास्थि(Fibrocartilage)
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