Topic - 7
सामाजिक समरसत्ता
(1) केवट प्रसंग:-
कवि का नाम-गोस्वामीतुलसीदास
(2) महत्ता:-
कवि का नाम-मैथिली शरण गुप्त
प्रश्न 1 सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(क) निम्न में से कौन सी रचना तुलसीदास की नहीं है-
उत्तर:-यशोधरा।
(ख) प्रभु श्री राम केवट से क्या मांग रहे हैं?
उत्तर:-नाव।
(ग)'पद पंकज'में अलंकार है-
उत्तर:-रूपक।
(घ)'महत्ता'कविता के रचयिता है-
उत्तर:-मैथिलीशरण गुप्त।
(ड) केवट ने किसके चरण धोने की हट की-
उत्तर:-श्रीराम के।
प्रश्न 2 कविता की पंक्ति पूर्ण करो।
उत्तर:-(1) नाम अजामिल से खल कोटि अपार नदी भव बूडत काढे।
(2) रावरे दोषु न पायन को पग धूरि को भूरी प्रभाउ महा है।
(3) जो पूर्व में हमको अशिक्षित या असभ्य बता रहे हैं।
वे लोग या तो अज्ञ है या पक्षपात जता रहे।
(4) है धन्य भारतवर्ष वासी, धन्य भारतवर्ष है।
सूरलोक से भी सर्वथा उसका अधिक उत्कर्ष है।
प्रश्न 3 सत्य/ असत्य लिखिए-
(1) राम ने केवट को नौका पार करने की उतराई दी।(×)
(2) राम के पाग की धूरि से केवट की नाव स्त्री बन गई।(×)
(3) 'रामचरित मानस' तुलसी का प्रसिद्ध ग्रंथ है।(✓)
(4)'साकेत'के रचनाकार श्री गुप्त है।(✓)
(5) कवि श्री 'गुप्त' कृष्ण के अनन्य उपासक थे। (×)
प्रश्न 4 सही जोड़ी बनाइए-
उत्तर:- (अ) (ब)
(1)। पग धूरि - राम
(2) केवट - नाविक, मल्लाह
(3) महत्ता - मैथिलीशरण गुप्त
(4) केवट प्रसंग - तुलसीदास
(5) जय- जय - पुनरुक्ति प्रकाश
प्रश्न 5 एक शब्द /वाक्य में उत्तर लिखिए-
(क) केवट की हार्दिक अभिलाषा क्या थी?
उत्तर:-श्री राम के चरण धोकर पीने की।
(ख) देवगण प्रेम से किसके भाग्य की सराहना करते हैं?
उत्तर:-केवट के।
(ग) केवट ने 'राम की पग धूरि' में किसका उल्लेख किया है?
उत्तर:- 'अहिल्या' का
(घ) हम गिरते हुए भी क्या करते रहे?
उत्तर:-दूसरों को चढ़ाते रहें।
(ड) सूरलोक में देवगण किसका वंदन कर रहे हैं?
उत्तर:-भगवान राम का।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1 केवट के अनुसार "पगधूरि" का क्या प्रभाव है?
उत्तर:-भगवान राम के चरणों की धूलि का यह प्रभाव है कि उसके स्पर्श से जड़ भी चेतन बन जाता है।
प्रश्न 2 केवट की जीविका का एक मात्र आधार क्या था?
उत्तर:-केवट की जीविका का एक मात्र आधार नाव थी।
प्रश्न 3 कवि के अनुसार हमें अशिक्षित या असभ्य बताने वाले लोग कौन हैं?
उत्तर:-हमें अशिक्षित या असभ्य बताने वाले लोग पश्चिमी देश के हैं।
प्रश्न 4 सभी देश हमारे यहां किस प्रयोजन से आते रहे हैं? उत्तर:-सभी देश हमारे यहां विद्या प्राप्त करने के प्रायोजन से आते रहे हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1 केवट के किन वचनों को सुनकर प्रभु को हंसी आ गई?
उत्तर:-केवट की स्नेह-युक्त भोली वाणी सुनकर भगवान राम, सीता और लक्ष्मण को देखते हुए हंसने लगे।
प्रश्न 2 प्राचीनता की खोज बढ़ने पर हम पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:-प्राचीनता की खोज बढ़ने पर यह स्पष्ट होता जाएगा कि हम प्राचीन समय में बहुत उच्च थे।
प्रश्न 3 भारत की सभ्यता के विकास को कौन लोग स्वीकार नहीं करते और क्यों?
उत्तर:-भारत की सभ्यता के विकास को वे लोग स्वीकार नहीं करते, जो या तो अज्ञानी है या जो पक्षपाती है। क्योंकि अज्ञानवश वे हमारी सभ्यता को पहचान नहीं पाए।
प्रश्न 4 सूरलोक मैं देवगण किसका वंदन कर रहे हैं?
उत्तर:-सूरलोक में देवगण भगवान राम का वंदन कर रहे हैं, वे केवट एवं उसके परिवार के भाग्य की सराहना कर रहे हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1राम को पार उतारने के लिए केवट कौन- सी शर्त रखता है और क्यों?
उत्तर:-राम को पार उतारने के लिए केवट यह शर्त रखता है कि पहले वह उनके पैर धोएगा, उसके बाद उन्हें नाव पर चढ़ागा। उसने सुन रखा है कि भगवान राम के चरणों की धूलि का यह प्रताप है कि उसने पत्थर को भी स्त्री बना दिया।यदि उसकी नाव स्त्री बन गई तो उसकी जीविका का साधन खत्म हो जाएगा।
प्रश्न 2 रामचंद्रजी का भाव समझकर केवट ने क्या-क्या उपक्रम किए?
उत्तर:-रामचंद्रजी का भाव समझकर केवट ने अपने बच्चों एवं पत्नी को बुला लिया।उन्होंने राम के चरणों की वंदन की तथा वे राम का घेरा बनाकर बैठ गए।लकड़ी के छोटे बर्तन में गंगाजल भरकर सभी ने राम के चरणों को धोया एवं चरणामृत का पान किया।
प्रश्न 3 "हमको अशिक्षित कहने वाले लोग सभ्य कैसे हो सकते हैं? इन पंक्तियों से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:-कवि स्पष्ट रूप से कह रहा है- हमने संसार के देशों को शिक्षित किया, सभ्य बनाया। आज वे प्रगति के क्षेत्र में हमसे आगे हैं, तो अज्ञानवश हमें अशिक्षित कह रहे हैं।लेकिन हमें अशिक्षित कहने वाले तनिक यह तो सोचे कि वे सभ्य कैसे हो सके हैं? जो हमें अशिक्षित बता रहे हैं, वे निश्चित रूप से असभ्य है।
प्रश्न 4 महत्ता कविता में भारतवर्ष की किन- किन विशेषताओं का उल्लेख किया गया है?
उत्तर:-'महत्ता' कविता में भारतवर्ष की अनेक विशेषताओं का वर्णन कवि ने किया है। भारतवर्ष में संसार के सभी देशों को ज्ञान दिया, उन्हें शिक्षित एवं सभ्य बनाया। उसने जन्म से बिगड़े हुए को सुधारा, मृतप्राय लोगों को जीवनदान दिया, गिरते हुए को ऊपर उठाया, उन्हें आगे बढ़ाया।
काव्य- सौंदर्य
प्रश्न 1 निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-
अनुरक्त, उत्कर्ष, अज्ञ, मरण।
उत्तर:- अनुरक्त - विरक्त
उत्कर्ष - अपकर्ष
अज्ञ - विज्ञ
मरण - जन्म
प्रश्न 2 निम्नलिखित शब्दों के मानक रूप लिखिए-
धूरि, लरिका, पायन, प्रभाउ, आयसु, बानी
उत्तर:-धूरि - धूलि
लरिका - लड़के
पायन - पैर, पग
प्रभाउ - प्रभाव
आयसु - आज्ञा
बानी - वाणी
प्रश्न 3 तुलसीदास किस भाषा के कवि है? उनकी भाषा के कुछ शब्द पाठ से छांटकर लिखिए।
उत्तर:-तुलसीदास जी अवधी भाषा के कवि है। अवधि के कुछ शब्द- पढाइहौं, गढाइहैं, सांची, गंगा जू को, धरनिहि, बन-बाहनु, पखारि........... आदि।
प्रश्न 4 निम्नलिखित पंक्तियों में आए अलंकार छांटकर लिखिए-
(1) बरषै सुमन, जय-जय कहैं टेरी- टेरी।
उत्तर:-पुनरुक्ति प्रकाश।
(2) पावन पाय पखारि कैं नाव चढ़ाइहौं।
उत्तर:-अनुप्रास अलंकार।
(3) ज्यों ज्यों प्रचुर प्राचीनता की खोज बढ़ती जायगी।
उत्तर:-अनुप्रास एवं पुनरुक्ति प्रकाश।
प्रश्न 5 नाटक और एकांकी में अंतर लिखिए-
उत्तर:-नाटक:-
इसमें अनुकरण तत्व की प्रधानता रहती है। इसमें मानवीय जीवन के क्रियाशील कार्यों का अनुकरण होता है। इसमें कहीं अंक होते हैं।
एकांकी:-
एकांकी एक अंक वाला नाटक है। यह एक ऐसी पूर्ण नाटक की रचना है, जिसमें मानव जीवन के किसी एक पल, एक चरित्र, एक समस्या और एक भाव की अभिव्यक्ति होती है।
प्रश्न 6 प्रबंध काव्य से आप क्या समझते हैं? किन्ही दो प्रबंध काव्य के नाम लिखिए
उत्तर:-प्रबंध काव्य:-
प्रबंध काव्य के छंद एक कथा के धागे में माला की तरह गूंथे होते हैं, अर्थात जो रचना कथा- सूत्रों या छंदों की तारतम्यता मैं अच्छी तरह निबद्ध हो, उसे प्रबंध काव्य कहते हैं।
प्रबंध काव्य के नाम:-
(1) साकेत,
(2)रामचरितमानस।
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