Topic- 8
खेल
लेखक का नाम:- जैनेन्द्र कुमार
प्रश्न 1 सही विकल्प चुनकर लिखिए-
1) जैनेन्द्र द्वारा लिखा गया उपन्यास है-
उत्तर:-कल्याणी।
2) सुरबाला किस नदी के किनारे रेत में भाड़ बनाती है-
उत्तर:- गंगा।
3) बाल मनोविज्ञान पर आधारित कहानी है-
उत्तर:-खेल।
4) दर्शनशास्त्र को जानने वाला कहलाता है-
उत्तर:-दर्शनिक।
5) "यह संसार क्षणभंगुर है"- यह कहा -
उत्तर:-लेखक ने।
प्रश्न 2 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
क) 'खेल' कहानी के लेखक जैनेंद्र कुमार है।
ख) 'खेल' कहानी के प्रमुख पात्र मनोहर और सुरबाला है।
ग) 'खेल' कहानी बाल मनोविज्ञान पर आधारित है।
घ) बच्चे गंगा के किनारे खेल रहे थे।
ड) सुरबाला ने रेत में भाड़ बनाया।
प्रश्न 3 सत्य /असत्य लिखिए-
1) गंगा के किनारे मनोहर रेत में भाड़ बनाती है।
उत्तर:-असत्य।
2) सुरबाला गंगा की लहरों से खेल रही है।
उत्तर:-असत्य।
3) 'खेल' बाल मनोविज्ञान पर आधारित कहानी है।
उत्तर:-सत्य।
4) मनोहर सुरबाला का भार तोड़ देता है।
उत्तर:-सत्य।
5) मनोहर सुरबाला के लिए नया भाड़ बनाता है।
उत्तर:-सत्य।
प्रश्न 4 सही जोड़ी बनाइए-
उत्तर:- (अ)। (ब)
1) खेल - जैनेंद्र कुमार
2) मनोहर, सुरबाला। - खेल कहानी के पात्र
3) सुरबाला - भाड़
4) दोष - निर्दोष
5) मनोहर - चंचल प्रकृति
प्रश्न 5 एक शब्द/ वाक्य में उत्तर लिखिए-
क) 'खेल' कैसी कहानी है?
उत्तर:-बाल मनोवैज्ञानिक।
ख) 'खेल' कहानी के लेखक कौन है?
उत्तर:-श्री जैनेंद्र कुमार।
ग) 'खेल' कहानी के प्रमुख पात्रों के नाम बताओ।
उत्तर:-मनोहर, सुरबाला।
घ) मनोहर कहां खेल रहा था?
उत्तर:-गंगा के किनारे।
ड) भाड़ किसने बनाया?
उत्तर:-सुरबाला ने।
प्रश्न 6 किसने, किससे कहा?
1)"हमारा भाड़ क्यों तोड़ा जी?"
उत्तर:-सुरबाला ने मनोहर से कहा।
2)"लो, भाड़ बन गया।"
उत्तर:-मनोहर ने सुरबाला से कहा।
3) "यह संसार क्षणभंगुर है। इसमें दुख क्या, सूख गया?" उत्तर:-लेखक ने पाठकों से कहा।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1 बालक और बालिका किन दो चीजों को आत्मीय बना उनसे खिलवाड़ कर रहे थे?
उत्तर:-बालक और बालिका पानी की लहरों तथा भाड़ को आत्मीय बना उनसे खिलवाड़ कर रहे थे।
प्रश्न 2 भाड से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:-भडभुंजे की भट्टी, जिसमें बालू गरम करके वह चना भुंजता है, भाड़ कहलाती है।
प्रश्न 3 भाड़ में धुएं का रास्ता और कुटी किस प्रकार बनाई गई?
उत्तर:-सुरबाला ने धुआं निकालने के लिए एक सीक टेढ़ी करके उसमें गाड दी। चार चुटकी रेती धीरे- धीरे छोड़कर उसने भाड़ के सिर पर अपनी कुटी तैयार कर ली।
प्रश्न 4 सुरबाला की दृष्टि में परमात्मा कहां विराजते हैं? उत्तर:-सुरबाला की दृष्टि में परमात्मा भाड़ के जादू में रहते हैं।
प्रश्न 5 भाड़ का अभिषेक करने के पूर्व सुर्रो रानी ने क्या किया?
उत्तर:-भाड का अभिषेक करने के पूर्व सुर्रो रानी ने एक लात से भाड़ के सिर को चकना चूर कर दिया।
लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1 बालिका मनोहर के बारे में क्या सोच रही थी? उत्तर:-बालिका मनोहर के बारे में सोच रही थी कि भाड़ की छत तो गर्म होगी। उस पर मनोहर रहेगा कैसे? मैं तो रह जाऊंगी। पर मनोहर जो जलेगा। फिर सोचा-उससे मैं कह दूंगी भई, छत बहुत तप रही है, तुम जलोगे, तुम मत आओ। पर वह अगर नहीं माना? मेरे पास वह बैठने को आया ही तो? मैं कहूंगी-भाई ठहरो, मैं ही बाहर आती हूं, पर वह मेरे पास आने की जीद करेगा क्या? जरूर करेगा, वह बड़ा हठी है, पर मैं उसे आने नहीं दूंगी। बेचारा तपेगा-भला कुछ ठीक है! ज्यादा कहेगा, मैं धक्का दे दूंगी।
प्रश्न 2 बालिका द्वारा भाड़ बनाने की प्रक्रिया समझाइए।
उत्तर:-बालिका ने दो- एक बार पक्का हाथ भाड़ पर लगाकर देखा-भाड़ अब बिल्कुल बन गया है। सुरबाला ने अपना पैर धीरे-धीरे भाड़ के नीचे से खींच लिया। पैर साफ निकालने पर भाड़ अब ज्यौं का त्यौं टिका रहा।
प्रश्न 3 सुरबाला द्वारा निर्मित भाड़ को देखते ही मनोहर की त्वरित प्रतिक्रिया क्या थी?
उत्तर:-अपने स्वर्ग के समान निर्मित भाड़ को सुरबाला ने मनोहर को दिखाया। मनोहर ने लात से उस भाड को नष्ट कर दिया।
प्रश्न 4 भाड़ तोड़ने पर पश्चाताप स्वरूप मनोहर ने सुर्रो से क्या कहा?
उत्तर:-भाड़ तोड़ने पर पश्चाताप स्वरूप मनोहर ने कहा कि "सुर्रो, मनोहर तेरे पीछे खड़ा है। वह बड़ा दुष्ट है। बोल मत, पर उस पर रेत क्यों नहीं फेंक देती, मार क्यों नहीं देती! उसे एक थप्पड़ लगा- वह अब कभी कसूर नहीं करेगा।"
प्रश्न 5 'हमारा भाड़ क्यों तोड़ा जी? हमारा भाड़ बना कर दो?' के जवाब में मनोहर ने क्या किया?
उत्तर:-हमारा भाड़ क्यों तोड़ाजी? हमारा भाड़ बना कर दो? के जवाब में मनोहर ने सुरबाला के कहे अनुसार भाड़ बना दिया।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1"मनोहर विश्व तत्व की एक भी बात नहीं जानता" कहानी लेखक जैनेंद्र कुमार ने ऐसी किन-किन बातों की ओर संकेत किया है?
उत्तर:-मनोहर विश्व तत्व की एक भी बात नहीं जानता, इस पर कहानी लेखक ने अनेक बातों की ओर संकेत किया है। यथा- "रेत का तेरा भाड़ क्षणिक था, क्षण में लुप्त हो गया, रेत में मिल गया। इस पर खेद मत कर, इसमें शिक्षा ले। जिसने लात मारकर उसे तोड़ा है, वह तो परमात्मा का केवल साधन मात्र है। परमात्मा तुझे नवीन शिक्षा देना चाहते हैं। परमात्मा की इस शिक्षा को समझ और परमात्मा तक पहुंचने का प्रयास कर। आदि- आदि।"
प्रश्न 2 मनोहर और सुरबाला ने एक दूसरे के बने भाड़ तोड़ दिए। फिर भी वे अंत तक सहज क्यों बने रहे?
उत्तर:-मनोहर एवं सुरबाला ने एक- दूसरे के बने भाड़ तोड़ दिए। फिर भी वे अंत तक सहज बने रहे। इससे स्पष्ट होता है की क्षण भंगुरता की नश्वरता का बोध उन्हें नहीं होता है। बच्चे खेल-खेल में ही नए संसार का निर्माण करते हैं और फिर उसे नष्ट भी कर देते हैं। कल्पना ही उनका यथार्थ है।
प्रश्न 3 "एक लात में भाड़ का काम तमाम करना", के संदर्भ में लेखक के दार्शनिक विचार लिखिए।
उत्तर:-"एक लात में भाड़ का काम तमाम करना"संसार की क्षणभंगुरता की ओर संकेत करता है। इस संदर्भ में लेखक के दर्शनिक विचार इस प्रकार है-यह संसार क्षणभंगुर है। इसमें दुख क्या और सुख क्या? जो जिससे बनाया है, वह उसी में लय हो जाता है- इसमें शोक और उद्वेग की क्या बात है? यह संसार जल का बुदबुदा है, फुटकर किसी रोज जल में ही मिल जाएगा।फूट जाने में ही बुदबुदा की सार्थकता है। जो यह नहीं समझते, वे दया के पात्र हैं।
प्रश्न 4 'खेल' कहानी का उद्देश्य लिखिए।
उत्तर:- 'खेल'कहानी बाल मनोविज्ञान पर आधारित है।इस कहानी का उद्देश्य है कि बच्चों की कल्पना, उनके यथार्थ का बहुत बड़ा आधार होती है। वह मानव कल्पना में नहीं जीते, कल्पना ही उनका यथार्थ है। क्षणभंगुरता और नश्वरता का बोध उन्हें नहीं होता। वे राग- द्वेष से दूर रहते हैं। द्वेष को बहुत जल्दी भूल जाते हैं।
प्रश्न 5 मनोहर और सुरबाला के बाल स्वभाव की दो- दो विशेषताएं बताइए।
उत्तर:-मनोहर चंचल स्वभाव का है, उसे झगड़ा करने में आनंद आता है। सुरबाला अपेक्षाकृत गंभीर स्वभाव की बालिका है। रचनाधर्मिता में वह निपुण है।
भाषा अध्ययन
प्रश्न 1 निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए-
विश्व, पता, कुटी, उल्लास, पेड़, सूरज।
उत्तर:-विश्व - संसार, जगत
पता - पत्र, पात
कुटी। - उटज, झोपड़ी
उल्लास - खुशी, प्रसंता
पेड़ - वृक्ष, विटप
सूरज - सूर्य, भास्कर
प्रश्न 2 दिए गए समय उक्त पदों का विग्रह कर नाम लिखिए-
स्वर्गविलीन, व्याजकोप, बालक- बालिका, महात्मा, त्रिलोक।
उत्तर:-स्वर्गविलीन - स्वर्ग में विलीन (तत्पुरुष समास)
व्याजकोप - कोप के बहाने (कर्मधारय समास) बालक बालिका - बालक और बालिका (द्वंद समास) महात्मा - महान है जो आत्मा (कर्मधारय समास)
त्रिलोक - तीन लोगों का समूह (द्विगु समास)
प्रश्न 3 'पूर्व' शब्द में अ उपसर्ग लगाकर अपूर्व शब्द बना है। इसी प्रकार निम्नलिखित उपसर्गों से बनने वाले दो- दो शब्द लिखिए-
अति, अप, वि, सु, सम, परि, उप, अव, दूर, प्रति।
उत्तर:- अति - अतिरिक्त, अतिशय
अप - अपवाद, अपकार
वि - विशेष, वियोग
सु - सुकुमार, सुकोमल
सम - संपूर्ण, सम्मान
परि - परिजन, परिवार
उप - उपयोग, उपहास
अव - अवसर, अवस्थित
दुर - दुर्बल, दुर्व्यवहार
प्रति - प्रतिशोध, प्रतिदिन
प्रश्न 4 दिए गए वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखिए-
क) दर्शन शास्त्र को जानने वाला।
उत्तर:-दर्शनिक।
ख) किसी अन्य पर किया गया उपकार।
उत्तर:-परोपकार।
ग) जिसके मन में दया भाव नहीं हो।
उत्तर:-निर्दय।
घ) जो इस लोक का न हो।
उत्तर:-परलोक।
ड) जिसका कोई दोष नहीं हो।
उत्तर:-निर्दोष।
प्रश्न 5 मध्य प्रदेश की मुख्य बोलियां कौन-कौन सी है? उत्तर:-मध्य प्रदेश की मुख्य बोलियां निमाड़ी, मालवी, बुंदेली, बघेली है।
प्रश्न 6दूरदर्शन तथा आकाशवाणी लोक भाषा के अथवा बोली के विकास में किस प्रकार सहायक है?
उत्तर:-दूरदर्शन और आकाशवाणी, रेडियो तथा टीवी से क्षेत्रीय भाषा में कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। क्षेत्रीय बोली के साहित्य,लोककलाकार और संगीतकार रेडियो और दूरदर्शन से अपनी बोली में लोकगीत प्रस्तुत कर उसे जीवित रखने का उपक्रम करते हैं। वस्तुतः बुंदेली, बघेली, मालवीय और निमाड़ी में हमारी प्राचीन लोक परंपराएं जीवित है। लोक जीवन के उच्च आदर्श यहां के उपलब्ध साहित्य में देखने को मिलते हैं।
प्रश्न 7 अपने क्षेत्र से प्रकाशित हिंदी मासिक पत्रिकाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:-साक्षात्कार, वीणा, स्नेह, देवपुत्र, महल, वसुधा आदि।
प्रश्न 8 किन्ही चार दैनिक समाचार पत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:-दैनिक भास्कर, नई दुनिया, दैनिक जागरण, स्वदेश।
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