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"Quetion Answer Topic - 6”

Topic - 6
                   मैं क्यों लिखता हूं?
लेखक का नाम:- पं. रामनारायण उपाध्याय
प्रश्न 1 सही विकल्प चुनकर लिखिए-
क) 'एहसान' शब्द का सार्थक अर्थ है-
उत्तर:-कृतज्ञता।
ख) "मुझसे बड़ा तो मेरा नाम है।" यह कहा-
उत्तर:-रामनारायण उपाध्याय ने।
ग) "मैं क्यों लिखता हूं" की विधा है-
उत्तर:-निबंध।
घ) लेखक के घर-आंगन में किन गीतों की गंगा बहती है-
उत्तर:- लोक।
) लेखक सम्मान की बजाय किसे महत्वपूर्ण मानते हैं-
उत्तर:-स्नेहा को।
प्रश्न 2 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1)लेखक के घर के आंगन में लोकगीतों की गंगा बहती रही है।
2) लेखक को कभी सम्मान की भूख नहीं लगी।
3) लेखक के गांव से स्टेशन की दूरी 8 मील है।
4) लेखक के लेख ज्ञानोदय व धर्म युग में भी छिपे।
प्रश्न 3 सत्य असत्य लिखिए-
क) लेखक साहित्य में स्नेहा को बहुत मूल्य देते हैं।
उत्तर:-सत्य।
ख) लेखक को लिखने में आत्मादान करने की तरह सुख मिलता है।
उत्तर:-सत्य।
ग) लेखक के गांव से स्टेशन 8 मील दूर था।
उत्तर:-सत्य।
घ) साइकिल वाले ने लेखक से रुपए लिए।
उत्तर:-असत्य।
ड) सबका असीम स्नेह लेखक के पुस्तक की पर्याप्त रॉयल्टी है।
उत्तर:-सत्य।
प्रश्न 4 सही जोड़ी बनाइए-
उत्तर:-     (अ)                                 (ब)
१)     मैं क्यों लिखता हूं।        -          निबंध
२)       सम्मान।                    -        अपमान
३)       रॉयल्टी                     -        अंग्रेजी शब्द
४)       बीमार                       -        स्वस्थ
प्रश्न 5 एक शब्द/ वाक्य में उत्तर लिखिए-
1) 'मैं क्यों लिखता हूं' के लेखक कौन है?
उत्तर:-रामनारायण उपाध्याय।
2) पं. रामनारायण उपाध्याय को लिखने के लिए क्या चाहिए?
 उत्तर:-एकांत।
3) लेखक किस से परेशान है?
उत्तर:-मित्रों के प्रश्न से।
4) लेखक क्यों लिखता है?
उत्तर:-मनुष्यता पर होने वाले प्रहार के विरोध में।
5) लेखक की एक पुस्तक का नाम लिखें।
उत्तर:-अनजाने- जाने- पहचाने।
प्रश्न  1. मुझसे बड़ा तो मेरा नाम है' लेखक ने ऐसा क्यों कहा है? 
उत्तर:-रामनारायण उपाध्याय ने आम जनता के स्नेह, दर्द एवं भाषा को लेकर ही अधिकांश रचनाओं का निर्माण किया है।
प्रश्न 2 गांव के एकांत जीवन में लेखक का सबसे बड़ा साथी कौन है?
उत्तर:-गांव के एकांत जीवन में लेखक का सबसे बड़ा साथी डाक है।
प्रश्न 3 लेखक के गांव से स्टेशन कितनी दूर था?
 उत्तर:-लेखक के गांव से स्टेशन 8 मील दूर था।
प्रश्न 4 सम्मान के विषय में लेखक की क्या मान्यता है? उत्तर:-लेखक को कभी सम्मान की भूख नहीं लगी। उनके मतानुसार मनुष्य या तो अपने लिए सम्मान पा सकता है या अपनी रचनाओं के लिए।
प्रश्न 5 "लिखने के लिए मैंने कभी नहीं लिखा" इसका तात्पर्य एक वाक्य में लिखिए।
उत्तर:-लेखक स्वयं कुछ लिखता नहीं, वरन कोई आता है और उनसे उनकी अपनी बात लिखा ले जाता है।
प्रश्न 1 'मुझसे बड़ा तो मेरा नाम है' लेखक ने ऐसा क्यों कहा है? 
उत्तर:-लेखक का नाम लेखक से बड़ा कहा गया है। क्योंकि जहां लेखक नहीं जा सका, वहां वह पहुंचा है और जिनसे लेखक नहीं मिल सकता, उनसे वह मिला है।
प्रश्न 2 कभी-कभी प्रिय शब्दों का मोह त्यागकर लेखक उन्हें क्यों निकाल देता है?
उत्तर:-कभी-कभी ऐसा भी होता है की कुछ प्रिय शब्दों का मोह त्यागकर उन्हें इसलिए निकाल देना पड़ता है कि वे भाषा के प्रवाह में बाधक जान पड़ते हैं।उनके निकालते ही ऐसा लगता है कि प्रवाह अब सहज हो गया है और बात अब ठीक ढंग से कही गई है।
प्रश्न 3 पुस्तक की पहली प्रति बिकने पर लेखक को क्या अनुभव हुआ?
उत्तर:-जिस दिन लेखक की पुस्तक की पहली प्रति बिकती हैं, तो उस बड़ा सुख होता है। लेकिन पुस्तक का पुरा-पुरा मुल्य लेकर भी जब उसे किसी के हाथो सोंपते है,तो न जाने क्यों, लेखक कें हाथ कांपने लगते हैं।
प्रश्न 4 बस में मिला गांव का किसान लेखक को देखकर बार-बार क्यों हंसने लगा था?
उत्तर:-बस में मिला गांव का किसान लेखक को देखकर बार-बार हंसने लगा था। लेखक के पूछने पर वह बोला- "एक दिन मेरी बच्ची स्कूल से एक किताब लाई थी। उसे पढ़कर मेरी स्त्री और बच्ची दोनों खुश हुए। आज आप दिखे, तो मुझे उस पुस्तक की याद हो आई और मैं अपनी हंसी रोक नहीं पाया।"
प्रश्न 5 लेखक के उदास होने पर पुस्तके क्या कहती हैं? उत्तर:-लेखक के उदास होने पर पुस्तके कहती है कि 'कहिए,किस बात की परेशानी है?' और मैं उन्हें समझाता हूं कि घर में एक हफ्ते से ज्यादा का राशन नहीं है, राशन देने वाले का कहना है कि उधार नहीं मिलेगा। वह कहती है- 'बस?' और एक हाथ में झोला लेकर जाने कहां-कहां का चक्कर काटते हुए मेरी समस्या सुलझा देती है।
प्रश्न 1 पंडित रामनारायण उपाध्याय किन- किन परिस्थितियों में लेखन करते हैं?
उत्तर:-लेखक ने लिखने के लिए कभी नहीं लिखा। किसी के कहने पर भी लेखक लिख नहीं सका। लेखक कभी-कभी अपनी जेब में कलम और कागज डालकर खेत में निकल जाते हैं और खेत की मेड पर बैठकर लिखने लगते हैं। लेखक के शब्दों में- "कई बार जब अपने गांव से 8 मील दूर स्टेशन से घर आने के लिए सवारी नहीं मिल पाती, तो किसी विचार का छोर पकड़कर उसे लंबाते हुए घर आ जाता हूं और यूं मेरा एक निबंध तैयार हो जाता है।
अ) कभी-कभी जब बड़ी रात गए तक नींद नहीं आती, तो रात्रि की नीरवता और आकाश के तारे भी लिखने में सहायक होते हैं।
ब)जब भी कोई सच्ची या अच्छी बात मन पर छा जाती है, तो उसे एक मन से दूसरे मन तक पहुंचाने के लिए भी लिखता आया हूं।
स)मनुष्य की मनुष्यता पर जहां भी प्रहार होता है, उसका विरोध करने के लिए भी मैंने लिखा है।"
प्रश्न 2 जब घर पर नहीं पुस्तक छप कर आती थी तो किस तरह का वातावरण निर्मित हो जाता था?
उत्तर:-जब घर पर नहीं पुस्तक छप कर आती है, तो उस दिन समूचे घर में उसी की धूम रहती है। लेखक के शब्दों में- "कोई आता है, तो चेहरे की तरह उसके मुखपृष्ठ को निहारता है। कोई आता है, तो बिन सिलसिले की बात की तरह यूं ही उसे पृष्ठो को उलटने लगता है। कोई उसे बीच में से ही पढ़ना शुरू कर देता है और कोई बड़ी शान से उसे अपनी बगल में दबाकर, उधार मांगकर पढ़ने के लिए घर ले जाता है।"
प्रश्न 3 लेखक अपनी पुस्तक की पर्याप्त रॉयल्टी किसे मानकर संतुष्ट होता है?
 उत्तर:-रॉयल्टी के संबंध में लेखक भावना में भरकर अपने विचार इस प्रकार व्यक्त करते हैं- सोचता हूं, मेरी रचना पढ़कर पत्र में ही नहीं, जीवन में मुझे अपने भाई का स्थान देने वाली वह बहन, अस्पताल में पड़ा हुआ नौजवान, जिसके मन में मृत्युशय्या पर भी मेरी पुस्तक पढ़ने की याद जगाती है, बस में मिलने वाला वह किसान, जिसे इस बात पर हंसी आ जाती है कि मैं इतनी अच्छी किताब, लिख कैसे लेता हूं, जिसे पढ़कर उसकी स्त्री और लड़की दोनों खुश हो। दफ्तर का वह बाबू जो रोटी में से रकम बचाकर पुरानी किताबों की दुकान में मेरी रचनाएं खरीदकर पड़ता है तथा किराए की साइकिल की दुकान चलाने वाला वह गरीब लड़का, जो मुझे से इसलिए अपनी साइकिल का किराया नहीं लेना चाहता कि मैं उसका प्रिय लेखक हूं- क्या इन सब का यह असीम स्नेह; मेरी पुस्तक की पर्याप्त रॉयल्टी नहीं है?
प्रश्न 4 "साहित्य में मैं स्नेहा को बहुत मूल्य देता हूं" रामनारायण जी के इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए। उत्तर:-"साहित्य में मैं स्नेहा को बहुत मूल्य देता हूं" इस कथन का आशय यह है कि लेखक ने साहित्य लेखन पैसा कमाने के लिए नहीं किया। उनके मत में  स्नेह का अर्जन सिर्फ साहित्यकार ही कर सकता है। इसलिए लेखक को साहित्यकार मित्रों से मिलने में सुख होता है। वह अब कभी नए शहर में जाते हैं, सबसे पहले वहां के साहित्यकारों के  पत्ते लगाकर उनसे मिलते हैं। इससे उन्हें सुख का अनुभव होता है।
प्रश्न 5 "लिखना मेरे जीवन का अविभाज्य अंग है और अपने आप को अधिक से अधिक आदमियों के साथ आत्मसात करने के लिए ही लिखता हूं। लिखने में मुझे आत्मदान करने की तरह सुख मिलता है।"
उत्तर:-लेखक कहता है कि उनके मन में जब कोई लेखन संबंधित विचार आते हैं, उस समय वह सब कुछ भूल जाते हैं। उन्हें उस समय लिखना ही पड़ता है। खाना, पीना, सोना, बैठना, सब कुछ मुश्किल- सा हो जाता है। लेखक को बाध्य होकर उस विचार के एक छोर को पकड़कर टहलना पड़ता है। रुई पीजने के समान विचारों को धुनना, विचारों को पोनी बनाना तथा विचारों को शब्दों के ताने-बाने में बुनना उन्हें अच्छा लगता है। इस प्रकार रचना तैयार होने पर लेखक को संतोष मिलता है, मानो उनकी साधना सफल हो गई हो।
दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1) पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
उत्तर:-पाठ का नाम- मैं क्यों लिखता हूं?
      लेखक का नाम-पंडित रामनारायण उपाध्याय।
2) यह कथन किसके द्वारा कहा गया है?
 उत्तर:-यह कथन लेखक का है।
3) "आत्मादान" से यहां क्या तात्पर्य है?
उत्तर:-स्वयं का दान करना।
प्रश्न 1 निम्नलिखित प्रत्ययों से दो- दो शब्द बनाइए-
        ता, कार, वाला, पन, इक।
उत्तर:-  ता      -      मनुष्यता, सुंदरता
          कार     -     कहानीकार, एकांकीकार
         वाला    -      डाकवाला, मिठाईवाला
          पन      -      लड़कपन, बचपन
          इक      -      दैविक, देहिक
प्रश्न 2 निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए-
         घर, गंगा, कपड़ा, हाथ, मुंह।
उत्तर:-  घर        -       गृह, सदन, निवास।
          गंगा        -       जाहृवी, सुरसरि, देव नदी।
         कपड़ा      -       वसत, वस्त्र, पट।
          हाथ        -        हस्त, कर।
           मुंह।       -        मुख, वदन।
प्रश्न 3 दिए गए मुहावरों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-
 उत्तर:- 1) मुंह चिढ़ाना := नकल करना।  
वाक्य:- बच्चे आमतौर पर वृद्धों को मुंह चिढ़ाया करते हैं।
2) त्यौरियां चढ जाना  :=गुस्से के मारे आग बबूला हो जाना। 
वाक्य:- आजकल के युवाओं की बात- बात पर त्यौरियां चढ जाती है।
3) कसौटी पर कसना = परखना।
वाक्य:- "यह नौकर इमानदार है। इसे कैसी भी कसौटी पर कसो, खरा उतरेगा।" राम ने कहा।
4) हाथ कांपना = घबराना।
वाक्य:- परीक्षा कक्ष में शिक्षक के पास आने पर मोहन के हाथ कांपने लगे।
5) चैन न पड़ना = आराम न होना।
वाक्य:- जब तक मैं गृहकार्य पूरा न कर लूं, मुझे चैन नहीं पड़ता।
प्रश्न 4 इन शब्दों में से अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू और आंचलिक शब्दों को छांटिए-
रॉयल्टी,    इंसान,    पर्याप्त,     इंकार,    पूर्व,     किस्सा,               झोला,     खटिया,   काबिल,    स्टेशन,    गर्व,     टेबल,         दफती,    झिझक,   समुचा,‌      राज,    विभाग।
उत्तर:- अंग्रेजी:- रॉयल्टी, स्टेशन शेव, टेबल।
 हिंदी:-  इंसान, पर्याप्त, इन्कार, पूर्व, गर्व।
 उर्दू :- काबिल, दफती, राज।
 आंचलिक:- समूचा, खटिया, झिझक, झोला, किस्सा, विभाग।
प्रश्न 5 नीचे दिए वाक्य में निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए-
1) लड़का गीत गाता है। (कर्म वाच्य)
उत्तर:-लड़के द्वारा गीत गाया जाता है।
2) रमेश द्वारा नाटक खेला गया। (कर्तृ वाच्य)
उत्तर:-रमेश ने नाटक खेला।
3) बालक छत से कूदते हैं।(भाव वाच्य)
 उत्तर:-बालको द्वारा छत से कूदा जाता है।
4) पक्षी आकाश में उड़ता है। (भाव वाच्य)
उत्तर:-पक्षी द्वारा आकाश में उड़ा जाता है।
5) कमला से कल पत्र लिखा जाएगा। (कर्तृ वाच्य)
उत्तर:-कमला कल पत्र लिखेगी।
6) लड़का पुस्तक पढ़ता है। (कर्म वाच्य)
उत्तर:-लड़के द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।

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